लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए राजनीतिक पार्टियों ने झोंकी ताकत

सोनभद्र। लोकसभा चुनाव के आखिरी रण में सातंवे चरण का चक्रव्यूह तोड़ने के लिए सभी प्रमुख दलों ने अपनी अपनी ताकत झोंक दिया है , जिसकी शुरुआत भाजपा के नरेंद्र मोदी ने 11 मई को चुनावी जनसभा के साथ शुरू किया । 12 मई को महागठबन्धन के समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयन्त चौधरी तो वही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने अपने पक्ष में जनता को वादों से लुभाने में कोई कसर नही छोड़ी है।

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रावर्ट्सगंज संसदीय सीट का इतिहास भी रोचक रहा है। आजादी के बाद कुल 16 संसदीय चुनाव में दस सांसद ऐसे चुने गए जिनके नाम मे राम शब्द शामिल रहा है जबकि चार बार लाल नाम के सांसद ने जीत हासिल किया है। सबसे ज्यादा कांग्रेस के रामस्वरूप तीन बार और रामशकल ने जीत हासिल किया है। जबकि एक – एक लालचन्द्र , भाईलाल , पकौड़ी लाल और छोटेलाल ने जीत हासिल करने का श्रेय लिया है। इस 17 वी लोकसभा के चुनाव में भी भाईलाल और पकौड़ी लाल अन्य प्रत्यासियो के साथ चुनावी रण में है अब जीत किसके पाले में जाएगा यह तो 23 मई को आने वाले परिणाम के बाद ही पता चलेगा।

आइए जाने की रावर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र से अबतक किस नाम प्रत्यासी ने कितनी बार कितने मत प्रतिशत जीत हासिल किया है।

रावर्ट्सगंज संसदीय सीट पर 1962 – राम स्वरूप – कांग्रेस – 83,280 – 20% , सरबजीत – जन संघ – 57,439 – 13% , जोखन राम – निर्दल – 18,644 – 0.4%

1967 – राम स्वरूप – कांग्रेस – 108,240 – 21% , सरबजीत – बीजेएस – 90,864 – 18% , महंगी – निर्दल – 35,935 – 07%

1971 – राम स्वरूप – कांग्रेस – 92,724 – 16% , सुबेदारप्रसाद – बीजेएस – 58,147 – 10% , शेद दास – निर्दल – 15,573 – 02%

1977 में शिवसम्पत्ति राम – बीएलडी – 235,164 – 36% , राम स्वरूप – कांग्रेस – 72,120 – 11% , सीताराम – सीपीआई – 12, 483 – 01%

1980 में रामप्यारे पनिका – कांग्रेस – 125,108 – 17% , रामनिहोर राम – जेएनपी (एस) – 109,106 – 14% , शिवसम्पत्ति राम – जन संघ – 86,663 – 11%

1984 में रामप्यारे पनिका – कांग्रेस – 189,588 – 23% , पन्नालाल – एलकेडी – 99,529 – 12% , शिवसम्पत्ति राम – बीजेपी – 51, 029 – 06%

1989 में सूबेदार प्रसाद – बीजेपी – 209,486 – 20% , रामप्यारे पनिका – कांग्रेस – 124,499 – 11% , गुलाब चन्द्र अम्बेडकर – बीएसपी – 53,118 – 05%

1991 उपचुनाव – रामनिहोर – जनता दल – 135,546 – 12% , सुबेदार प्रसाद – बीजेपी – 107,529 – 10% , सुभाष चन्द्र – बीएसपी – 73,199 – 07%

1996 में रामशकल – बीजेपी – 225,735 – 16% , विजय सिंह – सपा – 153,894 – 10% ,सुभाष चन्द्र – बीएसपी – 134,026 – 09%

1998 में रामशकल – बीजेपी – 261,530 – 18% , हरी प्रसाद – बीएसपपी – 234,789 – 16% , भगवती प्रसाद – सपा – 165,544 – 11%

1999 में रामशकल – बीजेपी – 200,826 – 13% , हरी प्रसाद – सपा – 184,898 – 12% , रामचन्द्र त्यागी -बीएसपी – 158,136 – 10%

2004 (49) में लालचन्द्र कोल – बीएसपी – 189,521 – 11% , पकौड़ी लाल – सपा – 179,159 – 10% , रामशकल – बीजेपी – 167,211 – 10%

2007 (49) – उप चुनाव – भाईलाल कोल – बीएसपी – 219601, पकौड़ी लाल कोल – सपा – 219262

रावर्ट्सगंज संसदीय क्षेत्र 2009 में मिर्जापुर जिले से अलग होकर चन्दौली की चकिया विधानसभा जुड़ी और यह रावर्ट्सगंज लोकसभा (80) के नाम जे जानी गयी । 2009 में पकौड़ी लाल कोल – सपा – 216,478 – 17% , रामचन्द्र त्यागी – बीएसपी – 166,219 – 13% , रामशकल – बीजेपी – 104,411 – 08%

2014 में छोटेलाल – बीजेपी – 378,211 – 23% , शारदा प्रसाद – बीएसपी – 187,725 – 11% , पकौड़ी लाल – सपा -135,966 – 08% ही वोट हासिल कर सके है।

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सहयोग दल अपना दल (एस) से पकौड़ी लाल
सपा गठबन्धन से भाईलाल
कांग्रेस से भगवती प्रसाद चौधरी सहित कुल 12 प्रत्यासी चुनावी रण में अपनी किस्मत आजमा रहे है।

अब देखना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में लाल नाम शब्द का मिथक टूटता है कि नही । इन 12 प्रत्यासियो के भाग्य का फैसला 16,92 , 508 मतदाता 19 मई को ईवीएम में कैद करेंगे जो 23 मई को खुलेगा। इस संसदीय क्षेत्र की तीन विधानसभा रावर्ट्सगंज , दुद्धी और चकिया पर सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक ही मतदान होगा शेष दो विधानसभा घोरावल और ओबरा पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोट पड़ेगा। 19 मई को शान्तिपूर्ण मतदान के लिए 15 कम्पनी सीआरपीएफ , 5 कम्पनी पीएसी ,3210 नागरिक पुलिस और 3650 होमगार्ड बाहर से आएंगे जबकि 512 उपनिरीक्षक , 418 हेड कांस्टेबल , 2928 कांस्टेबल लगाए जाएंगे।

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