हेलो किड्स स्कूल में मनाया गया येलो कलर डे सेलिब्रेशन, येलो कलर की खूबियां जानीं
ओबरा-सोनभद्र। नगर के चोपन रोड स्थित हेलो किड्स स्कूल में रंगा रंग कार्यक्रमो के साथ बुद्धवार को पूर्व नगर पंचायत अघ्यक्ष उमा शंकर सिंह ने फीता काट कर येलो कलर डे सेलिब्रेशन का शुभारम्भ किया। बच्चो ने नन्हा मुन्हा राही हू देश का सिपाही हूॅ गीत की धुन पर बच्चे जमकर थिरके। एक के बाद एक नृत्य, एकांकी ने लोगो का मन मोह लिया। विद्यालय को पीले रंग से आकर्षक शैली में गुब्बारे, पतंगों, चुन्नी, साड़ियों, खिलौनों, सब्जियों व फलों से सजाया गया। सेलिबे्रशन के अवसर पर बच्चों को बताया गया कि येलो कलर सनसाइन, होप, हैप्पीनेस, एनर्जी का प्रतीक है। बच्चों को खेल-खेल में येलो कलर के बारे में अलग-अलग तरह की रोचक व ज्ञानवर्धक जानकारी दी गई। येलो कलर की विभिन्न चीजों से वे रूबरू भी हुए। स्कूल परिसर को पीले रंग के गुब्बारों एवं अलग-अलग कटआउट्स से सजाया गया था। सभी बच्चे व शिक्षिकाएं पीले रंग की ड्रेसेस में पहुंचे। इस गतिविधि को कराने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को पीले रंग की पहचान कराना रहा। इस दौरान कलरिंग प्रतियोगिता भी कराई गई। बच्चों ने विभिन्न ड्राइंग में पीला रंग भरा। प्रधानाचार्य नाहिद खान ने बताया कि बच्चों को खेल-खेल में येलो कलर के बारे में अलग-अलग तरह की रोचक व ज्ञानवर्धक जानकारी दी गई तथा येलो कलर की विभिन्न चीजों से वे रूबरू भी हुए। शिक्षिका अनामिका विश्वकर्मा ने बताया कि यलो कलर भावनाओं और अनुभूतियों के परिचायक हैं लेकिन रंगों का महत्व केवल इतना ही नहीं है। हर रंग की अपनी खासियत है जो हमारे जीवन पर गहरा असर डालती है। पीला रंग नवरात्र की षष्ठी तिथि को समर्पित है। है। पीला रंग सूर्य के प्रकाश का है यानी ऊष्मा शक्ति का प्रतीक है। पीला रंग तारतम्यता, संतुलन और पूर्णता और एकाग्रता प्रदान करता है। घर के ड्राइंगरूम या रसोईघर में पीले रंग का प्रयोग करना बेहतर रहता है। वहीं कार्यस्थल अथवा स्टडी रूम में इसका प्रयोग स्मरण शक्ति में इजाफा करता है। मानसिक क्षमता बढ़ाने और एकाग्रचित्त होने में भी यह रंग सहायक होता है। मुख्य अतिथि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष उमा शंकर सिंह ने कहा कि हेलो किड्स स्कूल में पढाई का तरीका अलग ही है। यह बडे ही गौरव की बात है ओबरा जैसे छोटे से नगर में विश्व स्तरीय शिक्षा बच्चो को दी जा रही हैं। यह भी जानाकरी हुयी कि हेलो किड्स अमेरिकन मानटेसरी सोसाईटी, नेश्नल एसोशिएशन यूएसए, अर्ली एजुकेशन यूके तथा अर्ली चाईल्डहुड एशोशियेशन की सदस्य है। जो कि इस विषय पर हमेशा रिसर्च करती कि बच्चे खेल खेल में आसानी से उन्हे कैसा सिखाया जा सकता है समय समय पर सेमिनार भी आयोजित किये जाते है ताकि हेलो किड्स के शिक्षक शिक्षिकाए अपडेट होते रहे। इसी का परिणाम है कि हेलो किड्स डिफरेन्ट तरीके से बच्चो को पढा रहे। यह जानकर खुसी हुयी कि बच्चो को पढाने से ज्यादा देख कर सिखाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। श्री सिंह ने कहा कि विश्व स्तरीय एक्टिविटी के माध्यम से बच्चे बडे ही आसानीे ज्ञान अर्जित कर रहे है। जैसा कि शिक्षिकाओ ने इस अवसर पर बच्चो को बताया कि डिप्रेशन दूर करने में भी पीला रंग कारगर है। निजी या विश्राम करने वाली जगहों जैसे बेडरूम अथवा बाथरूम में पीले रंग का उपयोग करने से बचें। वहां इसके उपयोग से आप बेचैनी या अनिद्रा के शिकार हो सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि पीला रंग उत्साह बढ़ाने में सहायक है। पीला रंग हमारे दिमाग को अधिक सक्रिय करता है। नतीजतन हमारे दिमाग में उठने वाली तरंगें हमें खुशी का अहसास कराती है। इस कारण न केवल हमारा उत्साह बढ़ता है, बल्कि आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। जब हम पीले परिधान पहनते है तो सूर्य की किरणें प्रत्यक्ष रूप से हमारे दिमाग पर असर डालती है। नतीजतन हमारे दिमाग पर सकारात्मक असर पड़ता है। पीले रंग के खाद्य पदार्थो के सेवन से शरीर में मौजूद हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते है। इससे निश्चित तौर पर बच्चो का सर्वागीण विकाश होगा। केएन सिंह ने कहा कि पीला रंग भारतीय परंपरा में शुभ का प्रतीक माना गया है। फेंगशुई ने भी इसे आत्मिक रंग अर्थात आत्मा या अध्यात्म से जोड़ने वाला रंग बताया । सपा नेता खुर्शीद आलम बताया कि छोटे बच्चे बहुत ही कोमल हृदयी होते हैं। जीवन के विभिन्न रंगों से उनका परिचय करवाने के लिए हमें रंगीन उत्सव मनाने चाहिए। पीला रंग उमंग व उत्साह का प्रतीक है। यह रंग केवल मनुष्यों में ही नहीं पशु-पक्षियों में भी उमंग, उत्साह व जीवन जीने की ललक पैदा करता है। श्री आलम ने कहा कि जीवन के विभिन्न रंगों से उनका परिचय करवाने के लिए हमें रंगीन उत्सव मनाने चाहिए। कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से बच्चे रंगों का ज्ञान सीखते हैं और खेल-खेल में बच्चों का मानसिक व बौद्धिक विकास होता है। प्रबन्धक शमशाद आलम ने कहा कि दुनिया के सभी स्कूली बसो के रंग भी पीले ही होते है। इस रंग को नेश्नल स्कूल बस क्रोम के नाम से भी जाना जाता है। स्टाप लाईट लाल रंग के ही होते है । कई लोगो का मानना है कि लाल रंग ज्यादा ध्यान आकर्षित करता है। जबकि हकीकत में पीला रंग दुसरे रंगो की तुलना में ज्यादा आकर्षित करता है। एक शोध में वैज्ञानिको ने पाया कि लाल की तुलना में पीला रंग एक दसमलव दो चार गुना अधिक ज्यादा बेहतर देख सकते है। अंधेरे में भी पीले रंग को असानी से देखा जा सकता है। घने कोहरे में पीला रंग जल्दी देखा जा सकता है इसी लिये घने कोहरे में कारो व ट्रको की हेडलाईट पीली कर दी जाती है ताकि रास्ता आसानी से दिखाई दे सकें। इस अवसर पर बच्चे अधिक से अधिक पीले रंग की वस्तुएं लेकर आए और अपने ज्ञान में वृद्धि करने के साथ-साथ बहुत मजे किए और आनंदित दिखाई दिए। स्कूल परिसर को भी पीले रंग से आकर्षक शैली में गुब्बारे, पतंगों, चुन्नी, साड़ियों, खिलौनों, सब्जियों व फलों से सजाया गया। येलो डे सेलिब्रेशन को लेकर बच्चों में खासा उत्साह दिखा। इस अवसर पर मुख्य रूप से जुगलाल दीपक, अनामिका विश्वकर्मा, केके पाण्डेय, सुनील यादव, भानू प्रताप, सतीश कुमार, कमलेश यादव, जय प्रकाश पाण्डेय, जय प्रकाश केशरी, आदि मौजूद रहे।
फोटो 02 विजेता ट्राफी व सर्टिफिकेट के साथ बच्चे
फोटो 03 काब्या श्री चैहान को स्टूडेन्ट आफ दी ईयर का खिताब देते उमा शकंर सिंह
आकृति, काब्या को स्टूडेन्ट आफ ईयर का मिला खिताब
ओबरा-सोनभद्र। नगर के चोपन रोड स्थित हेलो किड्स स्कूल में येलो कलर डे सेलिब्रेशन के अवसर पर पीजी के आकृति सिंह व नर्सरी की काब्यश्री सिंह चैहान को स्टूडेन्ट आफ दी ईयर का खिताब मुख्य अतिथि पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष उमा शंकर सिंह ने दिया। पीजी की वन्दना जायसवाल को हर्डल प्रतियोगिता में , पीजी के आदर्श जायसवाल को बैलेसिंग बीम प्रतियोगिता , पीजी के मोहम्मद अयान खान को चेस फूटप्रिन्ट प्रतियोगिता में स्टार स्पोर्टस तथा नर्सरी के श्रेया गुप्ता हर्डल जम्प प्रतियोगिता, रित्विक चैधरी को बालिंग प्रतियोगिता, आकृति सिंह को बैलेंसिंग बीम, ऋषभ केशरी को बालिंग, पीहू अग्रवाल को होल्डिंग स्पून प्रतियोगिता, एलकेजी के असद रजा को हर्डल जम्प प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अर्जित करने करने पर स्टार स्पोर्टस के खिताब से नवाजा गया। बच्चो के सम्बोधित करते हुये उमा शंकर सिंह ने कहा कि जो बच्चे खेल कूद प्रतियोगिता में रनरअप रहे है उन्हे निराश होने की जरूरत नही है। अगली बार जब वह पूरा मन लगा कर प्रयास करेगें तो सफलता उन्हे अवश्य मिलेगी।