गेंदा की खेती कर किसान परंपरागत खेती की अपेक्षा चार गुना अधिक लाभ कमा रहे है

सोनभद्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा  किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का वादा है किया है तो वही अन्य दलों ने इसको चुनावी मुद्दा बनाया है लेकिन सोनभद्र में इसका असर देखने को मिल रहा है यहां परम्परागत खेती से हटकर गेंदा के फूल की खेती करके अपनी आय को चार गुना कर रहे है। सदर विकास के मानपुर गांव के प्रगतिशील किसान बाबूलाल मौर्य ने परम्परागत खेती गेंहू , धान , चना व मटर को छोड़ कर सब्जी की खेती करना शुरू किया। उद्यान विभाग द्वारा अनुदान मिलने पर बाबूलाल ने गेंदा के फूल की खेती 10 एकड़ में किया और परम्परागत खेती से चार गुना लाभ कमाया। गेंदा के फूल की खेती पर जिला उद्यान विभाग के अधिकारी का कहना है कि जिले में तीन वर्षो से फूल की खेती किया जा रहा है यह हमारी योजना के अंतर्गत आता है इसके लिए सब्सिडी भी दिया जाता है। किसान परम्परागत खेती से हटकर जैसा कि सरकार की मंशा भी है कि किसानों की आय 2022 तक दोगुना करना है जिसमे फूलों की खेती कारगर है इसमें किसान गेंहू और धान की तुलना में तीन से चार गुना अधिक फायदा कमाता है।

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नीति आयोग द्वारा देश के 115 अति पिछड़े जिलों की सूची में भले ही सोनभद्र शामिल हो लेकिन यहां के किसान अब परम्परागत खेती से हटकर फूलों की खेती के तरफ ध्यान दे रहे है । जिसका परिणाम है कि उनकी आय चार गुनी बढ़ गयी है। ऐसे ही नजीर है सोनभद्र में  सदर विकास के मानपुर गांव के प्रगतिशील किसान बाबूलाल मौर्य ने परम्परागत खेती गेंहू , धान , चना व मटर से हटकर पहले सब्जी की खेती करना शुरू किया और अधिक फायदा कमाया लेकिन जिला उद्यान विभाग द्वारा अनुदान मिलने पर बाबूलाल ने गेंदा के फूल की खेती 10 एकड़ में किया और परम्परागत खेती से चार गुना लाभ कमा रहे है। बाबूलाल कहते है कि गेंदा के फूल की खेती करने से उनकी आय बढ़ी है और इसके लिए किसानो को आगे आना चाहिए । बाबूलाल को 2018 – 19 का गेंदा के फूल की खेती करने में प्रथम स्थान का प्रमाण पत्र भी मिल चुका है।

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  गेंदा के फूल की खेती पर जिला उद्यान विभाग के अधिकारी का कहना है कि जिले में तीन वर्षो से फूल की खेती किया जा रहा है यह हमारी योजना के अंतर्गत आता है इसके लिए सब्सिडी भी दिया जाता है। किसान परम्परागत खेती से हटकर जैसा कि सरकार की मंशा भी है कि किसानों की आय 2022 तक दोगुना करना है जिसमे फूलों की खेती कारगर है इसमें किसान गेंहू और धान की तुलना में तीन से चार गुना अधिक फायदा कमाता है। जिले में चोपन विकास खण्ड के खरौंधी गांव निवासी  फिरोज आलम 5 बीघे में फूलों की खेती करते है जिनको देख पूरा गांव भी खेती करने लगा है और सदर विकास खण्ड के मानपुर निवासी बाबूलाल मौर्य भी गेंदा फूल की खेती करते है। अगले कुछ दिनों मे विभाग द्वारा किसानो की गोष्ठी करके बचे गेंदा फूल का ऑयल बनाना बताया जाएगा।

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