नई दिल्ली. यूं तो पाश्चात्य सभ्यता की तर्ज पर हम नया साल 1 जनवरी को मनाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदू नववर्ष (Hindu New Year) 1 जनवरी को नहीं बल्कि किसी और दिन मनाया जाता है। जी हां…हिंदू नववर्ष चैत्र (Chaitra) महीने की पहली तारीख यानि चैत्र प्रतिपदा को मनाया जाता है। जो हर बार मार्च के आखिर या फिर अप्रैल महीने में होता है। ऐसे में हिंदू नव वर्ष 2019 की बात करें तो इस बार 6 अप्रैल को हिंदू नववर्ष मनाया जाएगा। यानि कि चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) से ही हो जाएगा हिंदू नववर्ष का आगाज़। हिंदू नववर्ष के पहले दिन को नव संवत्सर भी कहा जाता है। जिसे विक्रम संवत भी कहकर बुलाते हैं।
हिंदू नववर्ष का क्या है महत्व?
हिंदू नववर्ष या हिंदू कैलेंडर (Hindu Calendar) के महत्व का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज भी हम अपने व्रत एवं त्यौहार हिंदू कैलेंडर और हिंदू तिथियों के आधार पर ही मनाते हैं। घर में शादी हो या फिर कोई और शुभ कार्य सभी कुछ हिंदू कैलेंडर या पंचांग देखकर ही किए जाते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्ना ने सृष्टि की रचना शुरू की थी यही कारण है कि इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
भारत में भी अलग-अलग दिन होता है नववर्ष
यूं तो हिंदू नववर्ष हर साल चैत्र प्रतिपदा से ही शुरू हो जाता है लेकिन भारत में लोक मान्यताओं और स्थानीय रीति रिवाज़ों में थोड़ी भिन्नता होने के चलते ये -अलग अलग दिन से भी शुरू माना जाता है हालांकि खास बात ये है कि इसकी अलग अलग नाम से ही सही लेकिन शुरूआत मार्च या अप्रैल से ही होती है।
- जैसे महाराष्ट्र चैत्र प्रतिपदा से ही हिंदू नववर्ष का आगाज़ होता है लेकिन गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है।
- वही पंजाब में 13 अप्रैल को बैसाखी से नए साल का आगाज़ माना जाता है।
- आंध्रप्रदेश में इसे उगादी कहा जाता है।
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