संयुक्त अधिवक्ता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने अधिवक्ता विरोधी बताया अधिवक्ता संशोधन बिल 2025
सोनभद्र। संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ने अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 को अधिवक्ता विरोधी बताते हुए देश भर के वकीलों से इसका पुरजोर विरोध करने की अपील की है। उन्होंने प्रेस को बयान जारी करते हुए कहा है कि अधिवक्ताओं ने सदा सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध किया है फिर वो चाहे स्वतंत्रता के पहले अंग्रेजी सत्ता की दमनकारी नीति हो या फिर स्वतंत्रता के बाद की सरकारों की दमनकारी नीति। श्री मिश्र ने अपने बयान में कहा कि अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के माध्यम से सरकार अधिवक्ताओं की अस्मिता को पूरी तरह से समाप्त करने का षड्यंत्र रच रही है जिसका संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश जमकर विरोध करता है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि वैसे तो इस बिल में अनेकों खामियां हैं पर मुख्य रूप से अधिवक्ता संशोधन बिल में धारा 35, 35 A, धारा 36 (1,2,3) एवम धारा 45 अधिवक्ताओं के लिए बहुत ही खतरनाक साबित होने वाला है जिसको किसी भी सूरत में स्वीकार नही किया जा सकता। इस बिल के पास हो जाने से ना तो अधिवक्ताओं का कोई अस्तित्व बचा रह पाएगा और ना ही अधिवक्ता संघों का वो फिर बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश हो या बार कौंसिल ऑफ इंडिया सभी केंद्र सरकार के हाथो की कठपुतली बन कर कार्य करेगी। इसलिए मैं देश के सभी अधिवक्ताओं, अधिवक्ता संघों और देश के बुद्धिजीवी आम से इस बिल के पुरजोर विरोध की अपील करता हूं ।
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