युमंद के जिलाध्यक्ष ने क्षुब्ध होकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

सोनभद्र(सीके मिश्रा)

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युवक मंगल दल के जिलाध्यक्ष सौरभ कांत पति तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश सरकार के युवा कल्याण एंव प्रांतीय रक्षक दल विभाग को बंद किये जाने की मांग की है।उन्होंने कहा कि पिछले चौदह वर्षो से विभाग द्वारा युवाओ की उपेक्षा व शोषण देखकर दिल भर आया है।युवाओ के कल्याण व उत्थान के लिए सरकार में अलग से मंत्रालय बनाया गया था जिसमें युवक/महिला मंगल दलों व पीआरडी के जवानों को अधिकार दिया गया था।गांव में युवाओ की टोली बनाई जाती थी जो कि विभाग द्वारा सोसाइटी से निशुल्क रजिस्टर कराई जाती थी और उस टोली द्वारा गांव में रचनात्मक कार्य,खेल कूद व तमाम धार्मिक कार्य कराए जाते थे यूँ कहा जाए तो संगठन लोगो को मानवता का पाठ पढ़ाता था।युवा नेतृत्व के गुण लोगो को यही से मिलता था और इस संगठन ने इस देश को न जाने कितना नेता दिया है।जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत में संगठन के सदस्यों को पदेन सदस्य बनाया जाता था व सरकार के द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में गुणवत्ता हेतु संगठन के लोगो को सरकार द्वारा विशेष अधिकार दिया गया था।यही सब देखकर मुझे इस संगठन से जुड़ने की लालसा हुई और 2004 में मैं संगठन से जुड़ा और पूरी मेहनत व लगन से विभाग के कार्यक्रमो में लग गया।मेरे द्वारा किये गए कार्यो की वजह से 2007 में मुझे ब्लॉक अध्यक्ष व 2009 में जिलाध्यक्ष मनोनीत किया गया।मैन संगठन के साथियों के सहयोग से पूरे जनपद भर में स्वच्छता अभियान,नशामुक्ति अभियान,मतदाता जागरूकता अभियान,सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान,शिक्षा जागरूकता अभियान,खेल-कूद,युवा महोत्सव,युवा सम्मेलन आदि कार्यक्रम बिना किसी सरकारी बजट के आयोजित करवाये है।इन्ही सब कार्यो को वजह से 2014 में सन्गठन को नई दिल्ली में नेशनल एवार्ड मिला।मैने अपना पूरा जीवन विभाग को समर्पित कर दिया और जो उम्र अपना कैरियर बनाने की होती है उस युवा अवस्था मे विभाग से जुड़कर समाजसेवा के क्षेत्र में जीवन सपर्पित कर दिया इस उम्मीद के साथ के कोई न कोई सरकार ऐसी जरूर आएगी जो विभाग द्वारा हम जैसे उपेक्षित युवाओ का उत्थान करेगी।लेकिन युवा युवा का शोर मचाने वाले व युवाओ के दम पर सरकार बनाने वाले दल की जब सरकार आई तो इस सरकार ने विभाग द्वारा चलाई जा रही पूर्व की सभी योजनाओं को बंद कर दिया।जैसे पहले प्रत्येक ब्लॉक में सराहनीय कार्य करने वाले 4-4 युवक/महिला मंगल दलों को 2000-2000 रुपये प्रोत्साहन राशि मिलती थी।हर वर्ष ब्लॉक स्तर व जनपद स्तर पर खेल-कूद के कार्यक्रम आयोजित कराये जाते थे सभी योजनाओं को इस सरकर ने बन्द कर दिया है।पूर्व की सरकार ने जो युवा नीति प्रस्तवित की थी उसमे युवक/महिला मंगल दलों को विशेष अधिकार मिलना निश्चित था जिसको भी इस सरकार ने बन्द कर दिया है।कुल मिलाकर अब इस विभाग में कोई काम नही है तो विभाग के अधिकारियों को सरकार मुफ्त में तनख्वाह दे रही है इसलिए हम मुख्यमंत्री जी से ये मांग करते है कि इस विभाग को बन्द कर विभाग के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को किसी अन्य विभाग से जोड़ दिया जाये जिससे सरकार को हो रहे नुकसान से बचाया जा सके।जब कोई कार्यकर्ता किसी पार्टी से जुड़ता है तो वह बहुत ही उम्मीद से जुड़ता है और उसके सुख-दुख में पार्टी के लोग साथ खड़े होते है।उनके पास जिलाध्यक्ष होता है,प्रदेश अध्यक्ष होता है राष्ट्रीय अध्यक्ष होता है जिनतक वो अपनी समस्या कह सकता है लेकिन हमारा माई बाप कौन है।हम पूरी तन्मयता से सरकार की योजनाओं में अपना सहयोग देते है और यदि कही कुछ गलत हो रहा है तो हम उसका विरोध करें तो हमे डांट पड़ती है कि आप सरकार की एक इकाई है इस लिए सरकार का विरोध मत करिए वही अगर किसी विभाग में संविदा पर कोई पद आये तो संगठन के लोगो से यह पूछा जाता है कि तुम कौन हो।जिला प्रशासन व सरकार की उपेक्षा व दोहरी नीति से हम अजीज आ गए है।सरकार किसी न किसी पार्टी की बनेगी तो सरकार के मंत्री भी अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को ही महत्व देंगे।इससे यह साफ है कि यह विभाग और संगठन पूरी तरह से राजनीति का शिकार हो गया है।उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की तमाम योजनाएं ऐसी चल रही है जिसको युवक/महिला मंगल दलों के माध्यम से गुणवत्ता पूर्ण चलाई जा सकती है और इन स्वंय सेवको को रोजगार भी मिल सकता।लेकिन युवाओ की इस तरह उपेक्षा और शोषण को देखकर मुझे बहुत पीड़ा हो रही है जिस कारण मुझे आपको ये पत्र लिखना पड़ रहा है।युवक मंगल दल सरकार का ही हिस्सा है और सरकार चाहती तो न जाने सरक का कितना कार्य करा सकती है लेकिन सरकार ग्रामीण युवाओ के प्रति उदासीन है।संगठन के पूरे जनपद के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री से इस विभाग को बंद किये जाने अथवा  विभाग का नाम बदलकर युवा पतन विभाग करने की माँग की है।

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