1100 दीपों से सुसज्जित हुआ भव्य दीप, यज्ञ व भंडारे का आयोजन

रवि कुमार सिंह

दुद्धी-सोनभद्र। होटल ग्रीन स्टार दुद्धी में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज द्वारा अखंड ज्योति कलश रथ यात्रा व 1100 दीपों से सुसज्जित भव्य दीप यज्ञ व भंडारे का आयोजन गायत्री परिवार प्रज्ञा मंडल दुद्धी के तत्वाधान में आयोजित किया गया। ज्योति कलश रथ यात्रा का ब्लॉक परिसर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक

स्थल में आरती पूजन कर स्वागत नगर पंचायत अध्यक्ष कमलेश मोहन, भाजपा मंडल अध्यक्ष दीपक शाह, फौजदार परस्ते, विनोद सिंह गौड़ आदि द्वारा पूजन स्वागत उपरांत बी आर डी दुद्धी के प्राचार्य प्रोफेसर रामसेवक यादव जगदीश्वर प्रसाद एवं परिजनों द्वारा स्वागत उपरांत डीहवार बाबा पर जय बजरंग अखाड़ा समिति रामनगर अध्यक्ष बबलू चन्द्रवंशी, सभासद आमेश अग्रहरी आदि आरती पूजन के उपरांत गायत्री परिवार अध्यक्ष प्रेमचंद यादव कुलभूषण पांडे, अमरनाथ जयसवाल, विंध्यवासिनी प्रसाद राजेश्वर प्रसाद सहित महावीर मुहाल गली में माताओं बहनों द्वारा भव्य अखंड ज्योति कलश यात्रा का आरती पूजन में बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिया गया।

तत्पश्चात शाम 7:00 बजें 1100 मिट्टी के दीपों से सुसज्जित भव्य दीपयज्ञ व भंडारे का आयोजन के बीच होटल ग्रीन स्टार में सर्वप्रथम अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार से पहुंची टोली वाराणसी जोन समन्यवयक पूज्य मान सिंह वर्मा, घनश्याम, रामलखन जी, अवधेश सिंह, अमर जीत सिंह आदि का अतिथ्य सत्कार गायत्री मंत्र का पट्टाअभिषेक माल्यार्पण अक्षत

पुष्प रोलीं के साथ डॉक्टर लव कुश प्रजापति, रामेश्वर प्रसाद राय, श्रीरामलीला कमेटी अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रहरि, नन्दलाल अग्रहरी, नगर प्रचारक वशिष्ठ, निरंजन जायसवाल आदि द्वारा अतिथि सत्कार उपरान्त सभी कों व्यास पीठ की टोली द्वारा एक एक प्रेरक पुस्तक भेंट किया गया। जबकि देव मंच का आरती पूजन गायत्री परिवार तहसील समन्वयक जितेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी अर्धांगिनी अनीता देवी, पन्नालाल कुशवाहा प्रज्ञा मंडल अध्यक्ष जीवन राम चन्द्रवंशी व अर्धांगिनी ज्योति चन्द्रवंशी, अवधनाथ प्रजापति जबकि अखंड ज्योति कलश का आरती पूजन जिला ट्रस्टी डॉक्टर हर्षवर्धन प्रजापति पत्नी सुनैना प्रजापति, उमाशंकर प्रजापति द्वारा आरती पूजन किया गया। भक्ति भजन गीतों के साथ प्रेरक वक्तव्य में मानव के नैतिक मूल्यों का पतन व मनुष्य में बढ़ रही आसुरी शक्तियों को रोकने एवं मनुष्य में देवत्व का उदय के लिए अपनी भारती संस्कृति व साधना,आराधना, पूजन द्वारा मानव का कल्याण के साथ अंतःकरण की शुद्धता के साथ एक बुराई का परित्याग का सामूहिक संकल्प के बीच प्रज्ञा की देवी गायत्री महामंत्र, महामृत्युंजय मंत्र आदि मंत्रो से अभिसिंचित 1100 दीपोत्सव में मंत्रो की आहुति व्यास पीठ द्वारा सभी भक्तों से सामूहिक रूप से आहुति करायी गई। तत्पश्चात भव्य भंडारे का प्रसाद हजारों भक्तगणों ने ग्रहण किया।

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