मोहन गुप्ता
गुरमा-सोनभद्र। जिला जेल गुरमा मारकुंडी मुख्य राज मार्ग स्थित घाघर नदी की पुलिया जो सीमेंट फैक्ट्री के जमाने से भी पूर्व लगभग 60 वर्ष पुराना बना हुआ है काफी जर्जर हो चुका है, जिसके पुलिया के नीचे की सभी लोहे की सरिया भी दिखाई देने लगी है। साथ ही इसकी सभी रेलिंग भी जगह जगह जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच गई है तथा भारी वाहनों के आवागमन से दुर्घटना होने की संम्भावना है। इसी रास्ते से जिला कारागार के बंदी वाहनों की बैन के साथ पुलिस पी ए सी जवानों की भारी वाहनों के साथ जिला के आला अधिकारियों का भी आवागमन होता रहता था है। जिसको समाचार पत्रों के माध्यम से अवगत कराया गया था। इसका असर होते ही जिला अधिकारी ने स्वयं संज्ञान में लेते हुए बुधवार शाम को पुलिस प्रशासन के सहयोग से बैरिकेडिंग करते हुए लोहे का झुझपोल.खड़ा कर सभी भारी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया। जिससे सभी भारी वाहन मीनाबाजर से होते हुए तेलाई, चकरिया लगायत कुशहिया से होकर जिला कारागार गुरमा के लिए भारी वाहनों के आवागमन का वैकल्पिक सम्पर्क मार्ग शुरु कर दिया गया है।
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