पॉक्सो एक्ट: दोषी संतोष कुमार जायसवाल को 5 वर्ष की कैद

  • 30 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद
  • जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी
  • अर्थदंड की समूची धनराशि 30 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी

सोनभद्र। नौ वर्ष पूर्व 14 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने शनिवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी संतोष कुमार जायसवाल को 5 वर्ष की कैद एवं 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 30 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक बभनी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 14 वर्षीय नाबालिग पीड़िता ने 31 अगस्त 2013 को बभनी थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 31 जुलाई 2013 को जंगल मे बकरी चराने गई थी। जहां पर बभनी थाना क्षेत्र के चौना गांव निवासी संतोष कुमार जायसवाल पुत्र भगवती प्रसाद जायसवाल ने उसे कुल्हाड़ी दिखाकर डरा धमका कर उसके साथ जबरन बलात्कार करने की कोशिश की और उसे निर्वस्त्र कर दिया। तथा जाते समय यह धमकी दिया कि अगर किसी से बताई तो काट देंगे। इस तहरीर पर बभनी पुलिस ने छेड़खानी व पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में संतोष कुमार जायसवाल के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी संतोष कुमार जायसवाल को 5 वर्ष की कैद एवं 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 30 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि,सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।

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