- 10 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर 5 माह की अतिरिक्त कैद
- साढ़े सात वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़खानी का मामला
- अर्थदंड की समूची धनराशि 10 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी
सोनभद्र। साढ़े सात वर्ष पूर्व नाबालिग लड़की के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी अवधेश को 3 वर्ष की कैद एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 5 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 10 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 17 अक्तूबर 2014 को सोनभद्र एसपी को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि उसकी नाबालिग बेटी 8 अक्तूबर 2014 की शाम 6:30 बजे गेहूं पिसाने के लिए घर से आटा चक्की पर गई थी जहां पर दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के झारोकला गांव निवासी अवधेश पुत्र भागवत के साथ दूसरे युवक ने उसकी 11वीं कक्षा की नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ करने लगे। एसपी के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने 20 अक्तूबर 2014 को पॉक्सो एक्ट एवं छेड़खानी समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी अवधेश को 3 वर्ष की कैद एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 5 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 10 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि,सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।