– ओवर लोड वाहनों की आवाजाही तीसरे दिन की रात से पुनः हुई चालू
– मुख्यमंत्री के आदेश की उड़ाई जा रही है धज्जियाँ
– पूर्व जिलाधिकारी के हाई प्रोफाइल टीम भी ओवरलोड रोकने में फेल
गुरमा-सोनभद्र(मोहन गुप्ता)- जनपद में ओवरलोड ट्रको का परिचालन बदस्तूर जारी है। पूर्व जिलाधिकारी के हाई प्रोफाइल टीम को भी ओवरलोड संचालको ने अंतिम में धता ही बता दिया इस पूरे खेल को टोल

प्लाजा से संचालित किया जा रहा है। हर ओवरलोड ट्रक टोल प्लाजा कैसे गुजर रही है यह किसी से छुपा नही है । ऐसे में ईमानदारी से संचालन करने वाले वाहन स्वामी भूखमरी के कगार पर आ गए है ।
नवागत जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए वाहन संचालको ने मांग किया है कि तत्काल प्रभाव से ओवरलोड ट्रको का संचालन बंद हो। गौरतलब है कि पूर्वांचल से सोनभद्र को जोड़ने वाले एक मात्र सोन पुल से ही इन ओवरलोड ट्रको का आना और जाना होता है ऐसे में यदि सोनभद्र की लाइफ लाइन सोन नदी का पुल कही ओवरलोड से ध्वस्त हो गया या

क्षतिग्रस्त हो गया तो सारे विकास के पहिए रूक जायेगे और जिला प्रशासन को उस वक्त महज इत्तिफाक कहने से जबाबदेही नही बनेगी। और यह तय भी है कि जिस तरह से गाजीपुर, सैयदराजा, भदोही, सोनभद्र के कनहर पुल क्षतिग्रस्त हो गए है ऐसे में भारी भरकम 14 चक्का से लेकर 20 और 22 चक्के ट्रक अंधाधुन्ध 70 से 80 टन तक का गिट्टी और बालू की ढुलाई कर रहे है तो सोन नदी का पुल ध्वस्त होना लगभग तय ही है इस पुल से प्रतिदिन करीब 800 से 1000 गाड़िया प्रतिदिन गुजर रही है। जिस दिन सोन पुल ध्वस्त या क्षतिग्रस्त हुआ उस दिन को सोचकर आम आदमी सिहर जा रहा है। एम्बूलेंस से लगायत फायर ब्रिगेड, दक्षिणांचल के करीब दर्जन भर से ऊपर के परियोजनाओं के आवश्यक सामानों का परिवहन कैसे होगा ? कभी उप जिलाधिकारी ओबरा द्वारा छापेमारी तो कभी सदर उप जिलाधिकारी ओवरलोड को लगाम जिलाधिकारी के आदेश से कर रहे थे लेकिन धीरे-धीरे फिर वह चालू हो गया।
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