सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की प्रबल मांग को लेकर विश्व भोजपुरी संघ द्वारा संगठित तरीके से वैचारिक आंदोलन चलाया जा रहा हैं। यह बातें संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर अशोक कुमार सिंह ने काशी में आयोजित दो दिवसीय विश्व भोजपुरी सम्मेलन के अंतिम दिन पत्रकारों से बात करते हुए कहीं। आपन माटी आपन बात समाचार पत्र के संपादक अशोक कुमार सिंह जो विश्व भोजपुरी सम्मेलन के संयोजक की भूमिका का दमदार तरीके से निर्वहन करते हुए
जीवनदीप शिक्षण संस्थान के विशालकाय सभागार में विश्व के कई देशों के भोजपुरी समर्थक विद्वानों को आमंत्रित कर न सिर्फ भोजपुरी भाषा को देश की मातृभाषा के रूप में प्रतिस्थापित कराने की मुहिम को केस करने का कार्य किया बल्कि कई देशों के राजदूत और प्रमुख विद्वानों को एक मंच पर लाकर भोजपुरी भाषा को मजबूती प्रदान करने का कार्य किया।
भोजपुरी भाषा के सतत विकास पर दो दिनों तक काशी की धरती पर चिंतन मंथन के साथ ही देश दुनिया के कई मनीषियों को डॉ अशोक कुमार सिंह की ओर से दुपट्टा, बुके, स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। मारीशस, नेपाल और सुरीनाम जैसे भोजपुरी समर्थक देशों के साथ ही भारत के विभिन्न फिर तुमसे भोजपुरी समर्थक भारी संख्या में इस विश्व भोजपुरी सम्मेलन में प्रतिभाग कर भोजपुरी भाषा को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की पुरजोर मांग की। सम्मेलन के अंतिम दिन आयोजित सम्मान समारोह में सोनभद्र से प्रतिभाग करने पहुंचे वरिष्ठ पत्रकारों मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी, सुल्तान शहरयार खान, चंद्रमौली मिश्रा और एनटीपीसी के सहायक महाप्रबंधक मानव संसाधन वाराणसी को भी अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह, बुके और सम्मान पत्र भेंट कर उन्हें भोजपुरी भाषा के उन्नयन में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मेलन के आयोजक मंडल द्वारा सम्मानित किया गया। इस मौके पर कई पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया।