बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)लचर व्यवस्था के कारण होते हैं प्रर्दशन ग्रामीणों का निशाना बने चिकित्सक।बभनी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बभनी में जिला स्वास्थ्य विभाग के द्वारा उपलब्ध कराई गई लचर व्यवस्था को लेकर अक्सर स्थानीय लोगों के विवाद का केंद्रबिंदु बन चुका है हमेशा समुचित व्यवस्था न मिल पाने के कारण यहां चिकित्सक हमेशा लोगों के सवालों से घिरे होते होते हैं यहां पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्य कर्मी व उपचार के लिए उपकरण उपलब्धनहीं हैं जिससे परिसर के अंदर आएदिन प्ररदर्शन व नारेबाजी होते रहते हैं जिस बात को लेकर उपस्थित स्वास्थ्यकर्मीयों को अपनी नौकरी खोने का भय भी बना रहता है यहां लैब की समुचित व्यवस्था सुदृढ़ नहीं है और दो एंबुलेंस हैं जिनमें एक हमेशा खराब ही रहती है टोल-फ्री नम्बर पर फोन करके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र म्योरपुर से एंबुलेंस भेंजे जाते हैं उनके आने तक मरीज दम तोड़ चुके होते हैं या फिर रास्ते में ही उनकी मौत हो जाती है दक्षिणांचल के अंतिम छोर पर स्थित बभनी थाना क्षेत्र में जागरुकता की कमी के कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना मारपीट हत्या आत्महत्या जैसे मामले अक्सर आते हैं जिससे चिकित्सकों को आधी रात को भी ड्युटी करनी पड़ती है बताते चलें कि यहां अधीक्षक का प्रभार होने के कारण उन्हें दुद्धी और बभनी दोनों देखना पड़ता है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बभनी के चिकित्सक डॉ. बसंत ने बताया कि दो स्थाई चिकित्सक दो संंविदा चिकित्सक तीन फार्मासिस्ट एक एलटी टीवी विभाग एलटी एक संविदा स्टाफनर्स है जिसपर हमेशा आरोप प्रत्यारोप लगते रहते हैं।और साफ-सफाई के लिए न किसी की स्थाई नियुक्ति है और न ही कोई संविदाकर्मी की तैनाती है जिसके लिए क्षेत्र की दो महिलाओं को चिकित्सकों ने खुद से रखा है जिस बात की जानकारी होते हुए भी जिला स्वास्थ्य विभाग चैन की नींद सो रहे हैं डा. बसंत ने बताया कि स्टाफ नर्स के अभाव में रात की डेलेवरी बाहर भेजने को मजबूर हो जाते हैं और कोई चपरासी न होने के कारण बाहर से दो महिलाओं को रखा गया है जिनसे साफ-सफाई कराई जाती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बभनी के अधीक्षक डॉ.गिरिधारीलाल ने बताया कि अभी हमने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर भेंज दिया है और स्टाफों की कमी है जिसके लिए मैं मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्टाफों की तैनाती शिघ्र करें जिससे हर मरीज को बिमारी से निजात मिल सके।