बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)निकल गए पैसे नहीं लगे खिड़की दरवाजे और न ही हुए पलस्तर।
बभनी। विकास खंड के ग्राम पंचायतों में पंचायती चुनाव की तैयारी जोरों पर जुटी हुई हैं लेकिन उन्हें इस बात को लेकर अभी निराशा बनी हुई है कि अभी सीट आई ही नहीं है जिसका लोगों को बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और इस बात की आस लगाए बैठे हैं कि सीट किस तरह की आएगी। परंतु यदि देखा जाए तो अब तक पूरे पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां शौचालयों की स्थिति काफी दयनीय है और यदि आवास के बारे में देखा जाए तो अबतक सैकड़ों आवास अधूरे हैं कुछ लाभार्थियों ने बताया कि आवास के पैसे वर्षों पूर्व निकलवा लिए गए परंतु
आवास अभी पलस्तर भी नहीं हुए हैं और खिड़की दरवाजों का तो पता ही नहीं है इसी प्रकार का मामला बरवाटोला (ब) से लाभार्थी सुगरी पत्नी राम बदन ने बताया कि हमारा आवास बन चुका है और ग्राम प्रधान के द्वारा यह कहकर पैसे भी निकलवा लिए गए कि आवास पूरी तरह बनवा दिया जाएगा परंतु अब चुनाव भी आ गया लेकिन अभी न पलस्तर हुआ है और न ही खिड़की दरवाजे लगवाए गए यदि गांव में लोगों की मानें तो इस प्रकार कई आवासों की दशा यही है।और विकास खंड के कोंगा गांव में तो सैकड़ों आवासों की स्थिति इसी प्रकार बनी हुई है लोग मिट्टी से छपाई कर लकड़ी की टाटी लगाने को मजबूर हो गए हैं सैकड़ों शौचालयों पर तो छत भी नहीं पड़े हैं इसी तरह का कुछ हाल इकदिरी ग्राम पंचायत का भी है।जब कोंगा गांव के ग्राम विकास अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह से संपर्क किया गया था तो उन्होंने यह कहा कि मैं इस समय निलंबित हो चुका हुं।
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