बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)इंटरनेशनल शायर गुलफाम रजा हस्सानी(नैनीताल) ने बांधी मेहफिल में शमा।
बभनी।थाना क्षेत्र के डूमरहर गांव में बीते शाम ग्यारहवीं शरीफ के मौके पर जश्ने गौसुल वरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें इंटरनेशनल शायर जनाब गुलफाम रजा हस्सानी (नैनीताल) व खतीब ए हिन्दुस्तान जनाब मुबारक हुसैन चतुर्वेदी (बिहार) ने शिरकत की और महफिल में शमा बांध दी। शायरों ने ऐसा नातिया कलाम पढ़ा कि सारा महफिल झूम उठे।बताते चलें कि ग्यारहवीं शरीफ सुन्नी मुस्लिम संप्रदाय द्वारा मनाये जाने वाला एक प्रमुख पर्व है। जिसे इस्लाम के उपदेशक और एक महान संत अब्दुल क़ादिर जीलानी के याद में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि वह पैगंबर मोहम्मद के वंशज थे क्योंकि उनकी माँ इमाम हुसैन की वंसज थी, जोकि पैगंबर मोहम्मद के पोते थे। उन्हें इस्लाम को पुनर्जीवित करने वाले व्यक्ति के रुप में भी जाना जाता है क्योंकि अपने उदार व्यक्तित्व और सूफी विचारधारा द्वारा उन्होंने कई लोगो को प्रभावित किया।इसके साथ ही अब्दुल कादिर सुफी इस्लाम के भी संस्थापक थे। उनका जन्म 17 मार्च 1078 ईस्वी को गीलान राज्य में हुआ था, जोकि आज के समय ईरान में स्थित है और उनके नाम में मौजूद जीलानी उनके जन्मस्थल को दर्शाता है। प्रतिवर्ष रमादान के पहले दिन को उनके जन्मदिन के रुप में मनाया जाता है और हर साल के रबी अल थानी के 11वें दिन को उनके पुण्य तिथि को ग्यारहवीं शरीफ के त्योहार के रुप में मनाया जाता है।नवयुवक कमेटी डूमरहर द्वारा ग्यारहवीं शरीफ के मौके पर रविवार शाम महान सूफी संत हजरत अब्दुल कादिर जिलानी के शान में जश्ने गौसुल वरा कान्फ्रेंस का आयोजन किया जिसमें कोविंद-19 का पूरा ख्याल रखा गया।इस कार्यक्रम को आयोजन कराने में नौजवान कमेटी डूमरहर के अध्यक्ष इरफान शेख व सदर सौकत अली, गफ्फार खान,सिकन्दर, इमरान, तसकीम व अन्य लोगों ने सहयोग किया।
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