बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)बभनी। पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन ईद मिलादुन्नबी आज देश के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में अकीदत व एहतेराम के साथ मनाया जा रहा है। बभनी थाना क्षेत्र में जोश व खरोश के साथ धूम-धाम से मनाया गया। कोरोना काल के इस बार जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाला गया। इस्लाम धर्म के प्रवर्तक पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन दुनिया भर में ईद मिलादुन्नबी के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।मोहम्मद साहब का जन्म सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का मुआज्मा में हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में प्रेम , भाईचारा और शान्ति का सन्देश दिया।
बभनी मस्जिद के इमाम मौलाना इंतखाब रजा नूरी के अनुसार मौजूदा दौर में पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब की शिक्षाएं और ज्यादा प्रासंगिक हो गयी हैं।
वही हजरत मोहम्मद के जन्मोत्सव को ले मनाए जाने वाले पर्व से पहले बभनी थाने में बीती शाम थाना परिसर में क्षेत्राधिकारी व थानाध्यक्ष की अगुआई में पीस कमेटी की आकस्मिक बैठक बुलाई गई।जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों से जुलुशे मोहम्मदी नही निकालने को कहा गया। साथ ही कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए लोगों से घरों में रहकर शांतिपूर्ण तरीके से पर्व मनाने की अपील की। साथ ही वैश्विक महामारी को देखते हुए सुरक्षा मानकों का ख्याल रखते हुए शांति व्यवस्था कायम रखने में पुलिस को सहयोग करने की अपील की।वही शासन-प्रशासन के आदेशों पर भी लोगों ने सवाल खड़े किए कि ऐसा कौन सा नियम है कि एक देश, एक राज्य,एक जिला व एक थाना क्षेत्र में किसी को त्योहार मनाने व जुलुश निकालने की आजादी और किसी पर पाबंदी? क्या कोरोना वैश्विक महामारी का ख्याल किसी एक पर ही लागू हो अन्य पर नही ? ऐसे ही ख्याल लोगों के बीच मंद आवाज में आ रहे थे।कि ये नियम अकेले हम पर ही लागू क्यों ? ये सोचने और समझने का विषय है!लेकिन क्षेत्र के लोगों ने शान्तिपूर्ण ढ़ंग से एकता व सद्भावना का परिचय देते हुए शासन -प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए ईद-मिलादुन्नबी का पर्व मनाया और जुलुसे मोहम्मदी नही निकाल शासन-प्रशासन का सहयोग किया।