ओबरा (सतीश चौबे): रोजी-रोटी छिनने या छीने जाने के अंदेशे से अब तक चार व्यक्तियों की दबाव में हृदय गति रुकने से मृत्यु हो चुकी है। वे परिवार अत्यंत दुखी हैं, जिनके घरों में मौतें हुई हैं। शनिवार की शाम गल्ला मंडी में व्यापारियों की सभा में बसन्ता मौजूद थे। दुकानों के तोड़े जाने के अंदेशे से वे दुखी थे। वे दुकानों को बचाने के लिए अनशन भी कर चुके थे पर प्रशासन के कुछ संवेदनहीन जिम्मेदारों ने व्यक्तिगत मुद्दा बनाकर दुकानों को तोड़वा दिया है। बसन्ता के निधन पर ओबरा बाजार बचाओ संघर्ष समिति ने शोक व्यक्त किया है, जिसमें संयोजक प्रमोद चौबे, रमेश सिंह यादव, धुरंधर शर्मा, भोला कनौजिया, प्रभात पांडेय, निशांत कुशवाहा, सुशील कुशवाहा, रवींद्र गर्ग, कौशर अली, गिरीश पांडेय, शमशेर, नियाज अहमद, मुस्लिम अंसारी, इरशाद अहमद, तुलसी गुप्ता, अख्तर भाई, लाल बाबू सोनकर, मिथिलेश अग्रहरि, नन्द लाल पांडेय, बबलू लैड आदि शामिल हैं। बता दें कि इसके पहले उस्मान, दिग्विजय सिंह, जब्बार की मौतें हो चुकी है। इसकी अनदेखी शासन-प्रशासन को भारी पड़ सकती है।
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