*-जनपद के साहित्यकार पत्रकार हुए सम्मानित।*
*-डोंगिया बांध डाक बंगले में हुआ आयोजन।*
*-सोशल डिस्टेंस का हुआ अनुपालन।*
*-कार्यक्रम में दिखी गंगा जमुनी तहजीब।*
सोनभद्र-(सर्वेश श्रीवास्तव)- हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत सोन साहित्य संगम सोंनभद्र द्वारा सुकृत के डोंगिया बांध स्थित सिंचाई डाक बंगले में सोशल डिस्टेंश का पालन करते हुए आंचलिक कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के निदेशक मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी”मधुप गोरखपुरी” कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार पुरस्कृत सेवानिवृत्त शिक्षक, साहित्यकार ओम प्रकाश त्रिपाठी,विशिष्ट अतिथि सुप्रसिद्ध गीतकार ईश्वर बिरागी रहे।इस अवसर पर कवियों ने काव्य पाठ
किया। कवि मधुप गोरखपुरी ने
*हाय रे प्रचंड धूप,
हाय रे प्रचंड धूप।*
काव्य पाठ कर सोनभद्र जनपद के मजदूरों की दयनीय स्थिति का बयान किया।
कवि ईश्वर बिरागी-
*”नफरतों की दीवार गिरा दीजिये”**
कवि सुशील राही-
*”तूम तो गीत बहुत गाये हो, मुझको भी कुछ गाने दो”*
कवि दिवाकर द्विवेदी-
*”जी रहा अब आदमी, बीमारियों के गाँव में”*
कवि नईम गाजीपुरी-
*”अबकी बार गाँव गया तो गाँव की देवी बीमार मिली”*
कवि सरोज सिंह-
*”दर्द गैरो से मिल नही सकता, दर्द अपने ही दिया करते हैं”*
राकेश शरण मिश्र-
“सुकृत की पावन माटी को,
सर माथे तिलक लगाता हूँ
,जिसने आज बुलाया सबको,
मैं उनको शीश नवाता हूँ।
कवि ओम प्रकाश त्रिपाठी—
**”आदमी वो आदमी कहां गया वो आदमी
आदमी का नाम है रहा न आज आदमी”**
विंध्य संस्कृति को समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी हिंदी भाषा की महत्ता पर अपनी कविता पढी-*
**देश की शान है हिंदी,
तिरंगा की मान है हिंदी।
भारतीयों की जुबान है हिंदी,
विश्व की जान है हिंदी।*
लखनऊ से पधारे समाजसेवी चंद्रशेखर पांडेय,आई एफ डब्लू जे के राष्ट्रीय पार्षद राजेश द्विवेदी,नईम गाजीपुरी,सुकृत के ग्राम प्रधान इकबाल अहमद,पत्रकार डॉ नसीम हिंदी पखवारा के उपलक्ष में अपना अपना विचार व्यक्त करते हुए काव्य पाठ किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ उपस्थित कवियों/ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर द्वीप प्रज्ज्वलन व पुष्प अर्पित करके किया गया।
तत्पश्चात कार्य्रकम के संयोजक सुकृत के ग्राम प्रधान इकबाल अहमद व पत्रकार डॉ नसीम द्वारा सभागार में उपस्थित कवियों/अतिथियों को माल्यार्पण करके स्वागत व सम्मान किया गया। इसके बाद कवि सरोज सिंह द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत करके आंचलिक कवि सम्मेलन की विधिवत शुरुआत की गई। कार्यक्रम में कवियों ने एक से बढ़कर रचनाएं सुनाकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करके कर दिया। इस अवसर पर सोन साहित्य संगम द्वारा कवि ईश्वर बिरागी को अंगवस्त्रम देकर विशेष सम्मान किया गया, चंद्रशेखर पांडेय, इकबाल अहमद, डॉ नसीम,राजेश द्विवेदी, रामनुज धर द्विवेदी,दीपक कुमार केसरवानी, कवि नईम गाजीपुरी,रामजी दुबे,जगदीश तिवारी,अनुपम तिवारी,अभिषेक मिश्रा,गुप्त काशी के संयोजक रवि चौबे,पत्रकार प्रमोद गुप्ता,युवा कवि उत्कर्ष द्विवेदी को अंगवस्त्रम व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्य्रकम के संयोजक सुकृत के ग्राम प्रधान इकबाल,पत्रकार डॉ नसीम द्वारा सभी कवियो एवम अतिथियों को अंगवस्त्रम,स्मृति चिन्ह व हनुमान चालीसा की पुस्तक देकर सारस्वत सम्मान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र द्वारा किया गया।