ओम प्रकाश मिश्रा
मिर्ज़ापुर।
स्थानीय विकासखंड अंतर्गत ग्राम सभा रामपुर 38 के ग्रामीण पिछले कई साल से जर्जर सड़क से परेशान हैं। ग्रामीणों ने सड़क निर्माण को लेकर स्थानीय सांसद , विधायक से लेकर अन्य प्रतिनिधियों व सरकारी आला अधिकारियों को कई बार लिखित व मौखिक रूप से आवेदन देते हुए सड़क निर्माण की मांग की है , इसके बावजूद आज तक इस पथ का पक्कीकरण नहीं हुआ। जिससे सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है। लाचार होकर ग्रामीण द्विजेंद्रनाथ मिश्र एवं सतीश चंद्र ने सुबे के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस सड़क के निर्माण कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने पत्र में लिखा है , कि ग्राम पंचायत रामपुर 38 में राम नारायण व कन्हई हरिजन के खेत से ताड़क हरिजन के मकान तक हरिजन बस्ती की स्थिति बेहद दयनीय है । ग्रामीणों ने कई बार स्थानीय प्रतिनिधियों का ध्यानाकृष्ट इस टोले की समस्याओं पर कराया , लेकिन किसी भी प्रतिनिधि ने अब तक इस टोले की प्रमुख समस्या जर्जर सड़क पर ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने यह भी लिखा है कि इस रास्ते से गांव की गरीब जनता हरिजन आदिवासी के बच्चे , गर्भवती महिलाएं ,असहाय लोग, स्कूली बच्चे इसी कीचड़ भरे गड्ढों से युक्त जाने को विवश है । खासकर बरसात के दिनों में तो इस रास्ते पर चलना दूभर हो जाता है। ग्रामीणों को कीचड़युक्त रास्ते से वाहन लेकर जाना पड़ता है। बरसात में इस जर्जर पथ में बने गड्ढो में कीचड़युक्त जलजमाव से कई बीमारियों का भी खतरा बना रहता है। अगर ग्रामीणों की माने तो ग्राम पंचायत चुनाव का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा यही सड़क बनती है। प्रत्याशियों द्वारा गाँव की भोली भाली जनता से यही वादा किया जाता है कि मैं चुनाव जीतते ही प्रथम कार्य इसी सड़क को बनाने का ही करूँगा।लेकिन चुनाव जीतते ही इस मुद्दे को अगले चुनाव के लिए छोड़ दिया जाता है और सड़क दशकों से जश की तस पड़ी हुई है।ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को इस दिशा में आवश्यक पहल करते हुए सड़क निर्माण कार्य की मंजूरी देने की मांग की है। ग्रामीणों ने पत्र की प्रतिलिपि जनपद के जिलाधिकारी को भी दी है।