
मिर्जापुर । भ्रष्टाचार के मामले में जिला जेल में बंद चल रहे निलंबित एआरटीओ आरएस यादव को जिला कारागार प्रशासन ने हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा कर दिया। लगभग दो साल छह महीने दो दिन तक मीरजापुर जेल में बंद रहे एआरटीओ छूटने के बाद अपने परिवार के साथ सीधे अपने घर जौनपुर चले गए।
दस जून 2017 को एसटीएफ ने एआरटीओ आरएस यादव को अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के मामले में जौनपुर से गिरफ्तार कर वाराणसी के जेल में बंद किया था। वहां पर किसी के द्वारा वाराणसी जेल कर्मियों द्वारा एआरटीओ को सारी सुविधाएं मुहैया कराए जाने की शिकायत करने पर उनको 13 अगस्त 2017 को मीरजापुर के जिला कारागार में स्थानांतरण कर दिया गया था। तभी से ये जेल के 11 नंबर बैरक में बंद चल रहे थे। ढाई साल के दौरान जेल प्रशासन की ओर से निलंबित एआरटीओ को किसी प्रकार की कोई छूट नहीं दी गई। शासन की ओर से भी लगातार एआरटीओ निगाह बनाया जा रहा था। एआरटीओ पर तीन केस दर्ज है। जिसमें अधिकांश मामले आय से अधिक संपत्ति रखने के शामिल है। चंदौली पुलिस की माने तो वाराणसी निवासी एक ट्रक मालिक ने एआरटीओ पर ट्रक की फाइल छीनकर एंट्री के नाम पर सात हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया था। पुलिस द्वारा मामला दर्ज करते है ही एआरटीओ पर प्रशासन का शिकंजा कसने लगा और धीरे धीरे वह इसकी जद में आ गए तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वर्जन
एआरटीओ आरएस यादव को कड़ी सुरक्षा में रखा गया था। उन्हें किसी प्रकार की छूट प्रदान नहीं की गई थी। हमेशा तनहाई बैरक में ही रखा गया। वे बैरक में अधिकांश समय अपने केस की स्टडी करने में गुजारते थे। गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर उनको रिहा कर दिया गया।
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