मिर्जापुर से रामलाल साहनी की रिपोर्ट
विन्ध्याचल। शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी पर विन्ध्याचल धाम में पहुँचे भक्तो ने महागौरी स्वरुप का दर्शन पूजन किया। रविवार की भोर से ही भक्तो का लगा ताता। दर्शन पूजन करने के बाद भक्तों ने त्रिकोण परिक्रमा करने के साथ ही सभी रास्तों में पडने वाले देवी स्थलों में पहुंचकर दर्शन पूजन किया। देवी धाम में भोर में भव्य मंगला आरती के बाद से ही दर्शन के लिए कपाट खोल दिए गए थे। माता की एक झलक पाने को लाला हित भक्त भोर से ही हाथ में नारियल चुनरी माला फूल एवं प्रसाद लेकर खड़े रहे। मां विंध्यवासिनी माता का कमल गुलाब के पुष्पों से भव्य श्रृंगार किया गया था।
शारदीय नवरात्र मेला के महाअष्टमी तिथि पर दिन रविवार छुट्टी होने के कारण लगभग लाखों आस्थावानों ने दर्शन पूजन कर पुण्य के भागी बने। माँ विन्ध्यवासिनी माता की भव्य मंगला आरती के बाद से ही दर्शन पूजन का आरंभ हुआ क्रम देर रात तक अनवरत चलता रहा।
नवरात्र महाअष्टमी तिथि पर गंगा स्नान करने के बाद बड़ी संख्या में विन्ध्याचल धाम में पहुंचे भक्तों ने देवी चरणों में शीश नवाया। मंदिर की छत पर जहां शहनाई एवं नगाड़े की धुन पर लोगों ने अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराया वही जगह-जगह आसन बांधे साधक मंत्र जाप में ततलीन दिखाएं दिए। मां का दर्शन पूजन करने के उपरांत भक्तजनों ने मंदिर परिसर में विराजमान देवी देवताओं के मंदिरों में मत्था टेका।
घंटा घड़ियाल शंख नगाड़ा शहनाई एंव माँ के जयघोष से पूरा मंदिर परिसर देवीमय हो रहा था। मंदिर पूरी तरह से झालरों एंव रंग विरगी लाईटो से की गई थी ।मंदिर की सजावट एक अलौकिक छटा बिखेर रही थी। धाम में पहुंचे भक्तों ने मंदिर के उपर गुंबद व हवन कुंड की भी परिक्रमा की। इसी क्रम में विन्ध्य पर्वत पर विराजमान काली खोह स्थित महाकाली एंव अष्टभुजा पहाड़ पर स्थित योगमाया अष्टभुजी देवी मंदिर सहित पहाड़ी पर पूरे नवरात्रि तक पूजन अनुष्ठान होते रहै। देवी धाम में प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था के चाक-चौबंद इंतजाम किए गए थे विंध्याचल मंदिर सहित काली को मंदिर एवं अष्टभुजा मंदिर परिसर में मेटल डिटेकटर एवं सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी की जा रही है। महाअष्टमी तिथि पर भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए श्री विन्ध्य पंडा समाज की ओर से सदस्यों की ड्यूटी पर तैनात रहे पुलिस व स्काउट के जवान आने वाले भक्तों की सेवा भाव करते रहे।