डाला(गिरीश तिवारी)स्थानीय रामलीला मैदान पर चल रही रामलीला में सोमवार की रात्रि विश्वामित्र आगमन, ताड़का वध, अहिल्या उद्धार आदि की लीलाओं का मंचन किया गया। रामलीला मंचन मे व्यासमुनी पन्नु तिवारी व बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। श्रीराम का पैर छूते ही जैसे ही शिला से अहिल्या सुंदर नारी बनी तो जय श्रीराम के नारे गूंज उठे।
सोमवार की रात्रि रामलीला कार्यक्रम के दौरान गुरु विश्वामित्र राजा दशरथ के पास अयोध्या पहुंचे। यहां उन्होंने राजा दशरथ से कहा कि राक्षस उनके यज्ञ में व्यवधान डाल रहे हैं। यज्ञ की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण को उनके साथ भेज दें। राजा दशरथ ने कहा कि राम और लक्ष्मण उन्हें प्राणों से प्यारे हैं नन्हे बालक किस प्रकार से दुष्ट राक्षसों से उनकी रक्षा कर पाएंगे।
आप कहें अयोध्या की सेना भेज कर आपके यज्ञ की रक्षा कर की जाएगी।गुरु वशिष्ठ ने राजा दशरथ को समझाया कि राम और लक्ष्मण यज्ञ की रक्षा के साथ ही विश्वामित्र से धनुष यज्ञ का ज्ञान भी हासिल करेंगे यह सुनते ही राजा दशरथ ने राम और लक्ष्मण को उनके साथ भेज दिया। राम और लक्ष्मण ने यज्ञ की रक्षा की। यहां ताड़का ,मारीच सुबाहु वध,गंगा अवतरण सहित कई राक्षसों का बध किया। जनक के यहां से निमंत्रण आने पर विश्वामित्र जब राम और लक्ष्मण को लेकर जा रहे थे तो रास्ते में एक पत्थर चमकता हुआ दिखाई पड़ा।पत्थर को देखने पर
राम ने पूछा कि गुरु विश्वामित्र से पुछा यह क्या है तो गुरु विश्वामित्र ने बताया कि यह गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या है जो श्राप के कारण शिला बन गई हैं। राम तुम इसका उद्धार करो। श्री राम ने जैसे ही शिला को अपना पैर लगाया वह अहिल्या के असली स्वरूप में आ गई। यह देखते ही उपस्थित भक्तों ने श्रीराम के जयकारे लगाए।इस दौरान हनुमान सिंह, दिनेश जैन, भैरव जायसवाल, राजकुमार अग्रहरी, मुकेश जैन,गोले शुक्ला समेत सैकड़ों दर्शक मौजुद रहे|