सोनभद्र। जिले में सावन मास के तीसरे सोमवार व नाग पंचमी के शुभ अवसर पर शिव मंदिरों में शिव भक्तों की अपर भीड़ उमड़ी। यहां की प्रमुख मंदिरों में विन्ध्य पर्वत पर अवस्थित जनपद मुख्यालय रार्बटसगंज से चार किलोमीटर दूर चुर्क राजमार्ग पर रौप गांव में अवस्थित पंचमुखी महादेव मंदिर का धार्मिक, आध्यात्मिक, ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है,ऐतिहासिक दृष्टि सोनभद्र में अब तक पाए जाने वाले ऐतिहासिक मंदिरों में यह प्राचीनतम् मंदिर माना जाता है।पंचमुखी शिवलिंग, नंदी, उमा- महेश्वर, विष्णु, गजलक्ष्मी, गणपति द्वारपालों,अलंकृत प्रस्तर खंड और मंदिर के अवशेषोके आकृति, कलात्मक आधार पर यह प्रतीत होता है कि पांचवीं शताब्दी यानी गुप्त काल में इस सूर्य मंदिर में पंचमुखी शिवलिंगकी स्थापना कराई गई होगी।श्रद्धालु अर्चना अग्रवाल के अनुसार-“पंचमुखी महादेव का सोनभद्र के शिवालयों में महत्वपूर्ण स्थान है और लोग यहां पर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं, सावन मास भर विशेषकर प्रत्येक सोमवार को भक्त जन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए पूजा, पाठ, साधना, अर्चना, इत्यादि करते हैं यहां पर रुद्राभिषेक आदि का भी आयोजन किया जाता हैइसके अलावा प्रतिवर्ष शिवरात्रि, बसंत पंचमी को यहां पर विशाल मेला का आयोजन संपन्न होता है। सोनभद्र के इन प्राकृतिक वादियों में अवस्थित पंचमुखी शिव मंदिर अपनी ओर श्रद्धालुओं पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और श्रद्धालु यहां पर पूजा पाठ के अलावा सावन के महीने में प्रकृति का आनंद पिकनिक का लुफ्त उठाते हैं ।