सोनभद्र।
न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश तिवारी ने आज नाबालिक पीड़िता के साथ ब्लात्कार के मामले में अभियुक्त की अग्रिम जमानत पर सुनवाई में युवा अधिवक्ता परमानन्द मौर्या और एडीजीसी की बहस को सुनने के बाद अभियुक्त की अग्रिम जमानत को खारिज कर दिया। अधिवक्ता परमानन्द मौर्या ने बताया कि कमलेश मौर्या पुत्र विजय मौर्या बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में धारा 376 , 452 , 507 आईपीसी व धारा 7/8 लैंगिक अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम 2012 का मुकदमा अपर सत्र न्यायालय में चल रहा है। यह घटना 4 जुलाई की रात्रि है जिसमे 9 जुलाई को पांच दिन बाद मुकदमा रावर्ट्सगंज कोतवाली में दर्ज किया गया। इस सम्बन्ध में अभियुक्त के विरुद्ध विवेचना प्रचलित है। यहां तक की पीड़िता पर अभियुक्त द्वारा सुलह का दबाव बनाया जा रहा है। यदि अभियुक्त की अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाता है तो वह पीड़ित पक्ष को एवं अभियोजन साक्ष्य को प्रभावित करेगा इसलिए अग्रिम जमानत निरस्त किये जाने की याचना की गई। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने उक्त मुकदमे में अभियुक्त कमलेश मौर्या की अग्रिम जमानत के प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाता है का आदेश दिया।