झिंगुरदा में वॉर्फवॉल का शुभारंभ, झिंगुरदा से रेल से कोयला परिवहन में आएगी तेजी
कोयला ग्राहकों को मिलेगा (-) एमएम साइज गुणवत्ता का कोयला
सिगरौली।रेल मार्ग से कोयला परिवहन तेज किए जाने की दिशा में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) की कोशिशों के तहत शुक्रवार को कंपनी की झिंगुरदा परियोजना में कोयला परिवहन की रेलवे लाइन पर वॉर्फवॉल के प्रथम चरण का शुभारंभ हुआ, जिससे झिंगुरदा परियोजना से रेल के माध्यम से किए जाने वाले कोयला परिवहन में तेजी आएगी। नई वॉर्फवॉल के शुरू होने से पहले झिंगुरदा परियोजना में कोयले की रेल में लोडिंग कोल हैंडिलिंग प्लांट (सीएचपी) से होती थी। सीएचपी के पुरानी तकनीक पर आधारित होने के चलते रेल रैक में कोयला लोडिंग में काफी समय लगता था। लेकिन नई वॉर्फवॉल के शुरू होने से अब रोजाना 1 से 2 रेल रैक आसानी से भेजी जा सकती है।
साथ ही, झिंगुरदा क्षेत्र से कोयला ग्राहकों को भेजे जाने वाले कोयले की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। नई वार्फवॉल के पास ही एक मोबाइल क्रशर लगाया गया है, जिससे माइनस (-) 100 एमएम साइज पर कोयला क्रश करके इस वार्फवॉल से कोयला भेजा जाएगा। साथ ही, झिंगुरदा वार्फवॉल के एनसीएल के जयंत एवं दुधीचुआ परियोजनाओं के नजदीक होने के चलते इन परियोजनाओं का कोयला भी इस वार्फवॉल से कोयला ग्राहकों को भेजे जाने की एनसीएल की योजना है, जिससे इन दोनों क्षेत्रों से सड़क के माध्यम से होने वाले कोयला परिवहन में भी कमी आएगी।
कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री श्री पी.के. सिन्हा ने बतौर मुख्य अतिथि इस वॉर्फवॉल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर एनसीएल के निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री गुणाधर पाण्डेय, निदेशक (वित्त एवं कार्मिक) श्री नाग नाथ ठाकुर, एनसीएल जेसीसी सदस्य श्री अशोक दूबे, सीएमओएआई के सचिव श्री सर्वेश सिंह, वरिष्ठ श्रमिक संघ प्रतिनिधि श्री डी॰ एन॰ सिंह और रेलवे के चोपन परिक्षेत्र के डीटीएम श्री रंजन कुमार बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे।
सीएमडी श्री सिन्हा ने नई वार्फवॉल के शुभारंभ को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एनसीएल की कोशिशों का एक अहम पड़ाव कहा। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि कंपनी की प्राथमिकता ईको-फ्रेंडली कोल ट्रांसपोर्टेशन है और इस दिशा में तेजी से प्रयास करते हुए एनसीएल नई तकनीक अपनाकर कोयला प्रेषण के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से नया विस्तार देने में जुटी है। साथ ही, उन्होंने कहा कि एनसीएल प्रबंधन का पूरा प्रयास है कि एक दिन झिंगुरदा से कोयले की 9-10 रेल रैक भेजी जा सके।
निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री गुणाधर पाण्डेय ने एनसीएल प्रबंधन सड़क से कोयला परिवहन कम करने के लिए एनसीएल प्रबंधन की प्रतिबद्धता दोहराते हुए रेल से कोयला परिवहन बढ़ाने के लिए रेलवे से अपना इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ाने का आह्वान किया।
निदेशक (वित्त एवं कार्मिक) श्री नाग नाथ ठाकुर ने वार्फवॉल के शुभारंभ के लिए झिंगुरदा एवं रेलवे की टीमों को बधाई दी और उम्मीद जताई कि नई वार्फवॉल से कोयले के इको-फ्रेंडली परिवहन में सहयोग देते हुए रेलवे रैक की लगातार उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।
श्रमिक एवं अधिकारी संघ प्रतिनिधियों ने देश के हर घर में बिजली पहुंचाने के लिए नई वार्फवॉल के शुभारंभ को एक शानदार पहल बताया और बढ़े हुए कोयला उत्पादन एवं प्रेषण लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए अपने संगठनों की प्रतिबद्धता दोहराई।
पहले चरण में झिंगुरदा में अभी 350 मीटर लंबी और 40 मीटर चौड़ी वार्फवॉल पर 02 रेलवे ट्रैक हैं। सबसे खास बात यह है कि इस वार्फवॉल को झिंगुरदा क्षेत्र ने अपने खुद के ही संसाधनों का प्रयोग कर मात्र 55 लाख रुपए की लागत से तैयार किया है, जबकि बाहरी संसाधनों के माध्यम से इसकी निर्माण लागत लगभग 9.5 करोड़ आंकी गई थी।
झिंगुरदा के क्षेत्रीय महाप्रबंधक श्री चितरंजन सिंह ने कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत किया और परियोजना अधिकारी श्री नरेंद्र कुमार ने कार्यक्रम में शरीक होने के लिए अतिथियों का आभार जताया। कार्यक्रम में एनसीएल के विभिन्न कोयला क्षेत्रों एवं मुख्यालय के महाप्रबंधकों एवं विभागाध्यक्षों ने शिरकत की।
गौरतलब है कि रेलवे से कोयला परिवहन बढ़ाने के लिए एनसीएल लगातार अपना इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर रही है। गत 22 मई को निगाही वॉर्फवॉल के शुभारंभ के साथ एनसीएल ने पहली बार किसी एमजीआर लाइन पर वॉर्फवॉल बनाया था। ऐसा ही एक वॉर्फवॉल अमलोरी एमजीआर लाइन पर भी बन रही है, जिससे एनटीपीसी रिहंद को अतिरिक्त कोयले की सप्लाई की जाएगी।