प्रत्याशियो के भाग्य का पिटारा खुलेगा कल

सोनभद्र। सूबे की आखिरी 80 लोकसभा क्षेत्र  रावर्ट्सगंज सुरक्षित पर लोकसभा सामान्य निर्वाचन में इस बार कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह रही कि इस बार ईवीएम पर कमल का फूल और हाथी चुनाव चिन्ह मतदाताओं को देखने को नही मिला। इन दोनों दलों ने अपने सहयोगी दलों को यह सीट गठबन्धन में दिया था।

image

जिसकी वजह से सपा और अपना दल एस में चुनावी जंग सीधे देखने को मिल रही है जिसका पटाक्षेप कल सुबह 8 बजे के बाद से शुरू हो जाएगा। इस बार चुनाव ने रावर्ट्सगंज  संसदीय सीट के 1692508 मयदाताओ में से 58.26% मतदाताओं ने अपने मतों का प्रयोग कर कुल 12 प्रत्याशियो के भाग्य को ईवीएम में 19 मई को कैद कर दिया जो कल 23 मई को खुलेगा।

image

रावर्ट्सगंज संसदीय सीट पर कुल 12 प्रत्याशी कांग्रेस से भगवती प्रसाद चौधरी , अपना दल (एस) से पूर्व सांसद  पकौड़ी लाल कोल
, समाजवादी पार्टी से पूर्व सांसद भाईलाल कोल , जनता दल यूनाइटेड से  अनिता कोल ,  आईपीएफ रेडिकल से  पूर्व आईजी एसआर दारापुरी,  भारत प्रभात पार्टी से सुनील कुमार, निर्दल –  विद्या प्रकाश कुरील , 

image

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक रूबी प्रसाद, सीपीआई से अशोक कन्नौजिया
, भारतीय लोकमत राष्ट्रवादी पार्टी से अनुज कुमार कन्नौजिया ,  सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से कैलाशनाथ कोल , निर्दल –  प्रभुदयाल  चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे है। बताते चले कि रावर्ट्सगंज लोकसभा की तीन विधानसभा रावर्ट्सगंज, दुद्धी और चकिया (चन्दौली जिला) नक्सल प्रभावित है जिसमे तीनो विधानसभा के मतदाता  सुबह 7 बजे से सांयकाल 4 बजे तक ही मतदान हुआ। घोरावल और ओबरा विधानसभा क्षेत्र में सुबह 7 बजे से 6 बजे तक वोट पड़ा। 80 रावर्ट्सगंज संसदीय सुरक्षित सीट में कुल  1895  मतदेय स्थल और 1259 मतदान केन्द्रों को बनाया और लोकसभा चुनाव को सम्पन्न कराने के लिए कुल 6494 कार्मिक लगाए गए तथा 28 जोनल मजिस्ट्रेट व 137 सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाये गए थे। इस संसदीय सीट पर सर्वाधिक कांग्रेस ने जीत हासिल किया है लेकिन वह 1984 के बाद से वापसी नही कर पाई है जबकि बसपा दो बार 2004 और उप चुनाव 2007 में तथा समाजवादी पार्टी 2009 जीत हासिल कर चुकी है। वर्तमान में यह सीट भाजपा के खाते में रही है जहां से भाजपा कुल छः बार जीत हासिल कर चुकी है।

Translate »