कांग्रेस प्रत्यासी ने प्रेसवार्ता में घोषणा पत्र का अनावरण किया
सोनभद्र। लोकसभा का चुनावी समर आखिरी चरण में है जिसको लेकर सभी दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए जनसभाएं शुरू कर दिया है। रावर्ट्सगंज संसदीय सीट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्यासी ने प्रेसवार्ता करते हुए घोषणा पत्र का अनावरण किया। इस दौरान भगवती चौधरी ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय वादे न्यूनतम आय योजना के माध्यम से 72 हजार रुपये दिया जाना है , किसानों के कर्जो को देखते हुए उसकी कर्कज माफी के साथ ही किसानो के लिए अलग बजट पेश किया जायेगा। महिलाओ को सम्मान देते हुए उन्हें संसद व विधान सभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही केंद्र सरकार की नौकरी में भी 33 प्रतिशत का आरक्षण दिया जाएगा। 34 लाख सरकारी पद को भरना व युवाओ को रोजगार उपलब्ध करना और मुफ्त दवा इलाज देना प्रमुख वादा है। इन सबके साथ स्थनीय स्तर पर 1984 के बाद से कोई भी जनप्रतिनिधि कांग्रेस का नही हुआ जिसकी वजह से यह क्षेत्र आज भी पिछड़ा हुआ है। सोनभद्र में कोल, गोंड , सहारस , अगरिया , बुक्सा आदि अनुसूचित जनजातियों के आर्थिक विकास और समावेशन को सुनिश्चित करने के लिए स्थायी आजीविका योजना बनाई जाएगी , प्रसिद्ध आदिवासी नेता समुदायों के लिए नीति और कार्यक्रमो की घोषणा करवाएंगे। वन अधिकार 2006 के प्रावधानों का कार्यन्वयन सुनिश्चित कराया जाएगा ताकि जनजातीय आबादी के अधिकारों को बराबर रखते हुए उनकी सुरक्षा की जा सके। सोनभद्र म3 सुरक्षित पेयजल और कृषि के लिए साफ पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र की स्थापना कराई जाएगी। यह सुनिश्चित करने के प्रयास किये जाएंगे कि सोनभद्र के गांवो सहित निवार्चन क्षेत्र के प्रत्येक घर मे अलग अलग 2 वर्षो में बिजली मिल जाय। इसके साथ ही क्षेत्र के विकास के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों जैसे हिंडाल्को , एनटीपीसी , एनसीएल आदि के सीएसआर बजट का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पूल बजल का निर्माण कराया जाएगा।
प्रेसवार्ता में कांग्रेस प्रत्यासी ने जिला प्रशासन पर आरोप लगया कि 19 मई को होने वाले मतदान के लिए गांवों में बीएलओ द्वारा मतदान पर्ची बांटी जा रही है। इस पर्ची को बीएलओ को भाजपा के लोगो की मोटरसाइकिल पर बैठ कर बांट रहे है साथ ही भाजपा का प्रचार भी कर रहे है कि को प्लेट पर वोट दीजिये। इसकी शिकायत मीडिया के माध्यम से किया है अगर जिला प्रशासन और प्रेक्षक द्वारा संज्ञान नही लिया जाता है तो चुनाव आयोग से शिकायत किया जाएगा।