सोनभद्र।जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने जिले के किसानों को सूचित करते हुए अपील किया है कि किसान भाई अपने फसल के अवशेष/पराली, भूसा, डॉठ-डण्ठल आदि अवशेष जो अपषिष्टों के रूप में पड़े हैं, उन्हें कदापि ही न जलायें। जिलाधिकारी ने बताया कि फसलों के अपषिष्टों को जलाये जाने से जमीन में मौजूद किसान मित्र किट भी नष्ट हो जाते हैं और जमीन उर्वरक शक्ति कमजोर होने के साथ पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने किसानों को अवगत कराते हुए कहा है कि फसलों का अपषिष्ट जलाना एक आपराधिक कार्य हैं, अपषिष्टों को जलाये जाने पर जुर्माने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि मा0 राष्ट्रीय हरित ट्रिब्युनल नई दिल्ली के द्वारा फसलों के अपषिष्ट जलाये जाने पर जुर्माने की व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि दो एकड़ से कम अपषिष्ट जलाये जाने पर 2 हजार 500 रूपये जुर्माना है। इसी प्रकार से पांच एकड़ तक पांच हजार और पांच एकड़ से अधिक अपषिष्ट जलाये जाने पर 15 हजार रूपये तक जुर्माना लगाया गया है। जिलाधिकारी श्री अग्रवाल ने किसान बन्धुओं को सलाह देते हुए बताया है कि फसल अवषेष/अपषिष्टों के खेतों में कभी न जलायें, बल्कि मल्चर, शेडर, स्ट्राचापर आदि कृषि यंत्रों द्वारा अवषेषों के कटाई बाद मिट्टी पलटने वाले हल/रोटा बेटर/मोल्डवोर्ड प्लाऊ से जोताई करें या पलेवा के समय अवषेषों को मिट्टी में मिला दें, जिससे मिट्टी में जिन्दा रहने वाले किसान मित्र कीट/जीवाष्म एवं कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बनी रहें, जिससे किसान भाईयों के उत्पादकता में भी वृद्धि होती रहेगी। उन्होंने बताया कि मिट्टी में विभिन्न प्रकार के अधिकांष जीवाष्म ऐसे होते हैं, नंगी ऑखों से नहीं दिखते और मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सार्थक होते है, जो अपषिष्ट जलाते समय वो मर जाते हैं।