राष्ट्रीय क्लीन एअर प्रोग्राम में 84 फीसदी ग्रामीण संसदीय क्षेत्र की उपेक्षा

केवल 16 फीसदी संसदीय क्षेत्रो के लिए ही बन रही है योजना

लोक सभा रावर्ट्सगंज के तीन विधान सभा मे शुक्ष्म धूल कण मानक से तीन गुना से ज्यादा,

पंकज सिंह@sncurjanchal
सूबे के अंतिम लोक सभा सुरक्षित सीट रावर्ट्सगंज के पांच विधान सभा मे तीन विधान सभा मे लगभग दस लाख की आबादी पी एम 10 और पी एम 2.5 शुक्ष्म धूल कण और मरकरी ,फ्लोराइड सीसा, जैसे अधौगिक प्रदूषण से प्रभावित है। और इस क्षेत्र में तीन में से एक ब्यक्ति किसी न किसी बीमारी से प्रभावित है।सी एम ओ डॉ एस पी सिंह के अनुसार फ्लोरोसिस से 10 हज़ार लोग। विकलांग हो गए है ,।यहां हवा और पानी दोनों में प्रदूषण का असर है।और कारगर कदम नही उठाया गया तो आने वाले दस सालों में यहां विकलांगो की तादाद बड़ कर एक लाख हो जाएगी।सिंघरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी के संयोजक रामेश्वर प्रसाद,ग्राम प्रधान दिनेश जायसवाल,राम दयाल, प्रेमचंद यादव,युवा अधिवक्ता सत्यनारायण यादव, रोहित अग्रहरी का कहना है कि रावर्ट्सगंज लोक सभा के ओबरा दुद्धी और आंशिक सदर के चोपन कोंन क्षेत्र में प्रदूषण महामारी का रूप ले रही है लेकिन यह समस्या कभी कि चुनावी मुद्दा नही बना।सामाजिक कार्यकर्ता पंकज सिंह और पर्यावरण विद्द सीमा जावेद लखनऊ का कहना है कि वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार भी ग्रामीण अंचलों पर गंभीर नही है ।देश मे 543 लोक सभा मे मात्र 89 शहरी लोक सभा क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय क्लीन एअर प्रोग्राम के 2024 तक प्रोग्राम बना। मतलब 16.4 फीसदी लोक सभा मे यह प्रोग्राम चलेगा। लेकिन 83.6 ग्रामीण फीसदी लोक सभा के लिए कोई प्रोग्राम नही बना।जबकि अधिकतर उधोग ग्रामीण अंचलों में स्थापित है उनमें एक रावर्ट्सगंज सीट है। जहां 21 हज़ार मेगा वाट बिजली 13 तापीय विधुत परियोजना के जरिये 3 लाख टन से ज्यादा कोयला जलाया जा रहा है। और सैकड़ो किलो जहर युक्त प्रदूषण क्षेत्र को नुकसान पहुँचा रहा है।देहरादून लोक विज्ञान संस्थान के प्रमुख पर्यवारण वेज्ञानिक डॉ अनिल गौतम और राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरण कार्यकर्ता जगत नारायण विश्वकर्मा का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेसः ने वायु प्रदूषण को राष्ट्रीय आपदा के रूप में तो बीजेपी ने ने भी योजना बनाकर वायु प्रदूषण कम करने की बात कही पर दोनों ने वही 16 .4 फिशदी शहरी क्षेत्र के लिए वादा किया है। ग्रामीण अंचलों के लिए कोई योजना नही ऐसे में प्रदूषण चुनावी मुद्दा नही बन पा रहा है। जरूरत इस बात की है कि लोग जागरूक हो और समस्या को केंद्र तक पहुचाये।

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