बाणासुर, जरासंध, शिशुपाल की कथा का हुआ वर्णन

श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ का हो रहा औराही गांव में आयोजन

शाहगंज-सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव): घोरावल ब्लॉक क्षेत्र के औराही गांव स्थित मां काली जी के मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के सप्तम दिवस को व्यास पीठ से कथा कहते हुए पं. गणेश देव पांडेय ने श्रीकृष्ण के विवाह, स्यामंतक मणि, प्रद्युम्न की कथा का बड़ा ही सुंदर और रोचक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि इस धरती पर श्रीहरि विष्णु का अवतरण संपूर्ण ब्रह्मांड के कल्याण के लिए होता है। श्रीमद्भागवत कथा सुनाने वाले और सुनने वाले दोनों ही

बड़े ही पुण्य के भागी होते हैं। और इससे उनके कुल वंश का कल्याण होता है। कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न ही कामदेव थे। सत्राजित ने झूठे ही श्रीकृष्ण के ऊपर स्यामंतक मणि की चोरी का आरोप लगाया। बाद में श्रीकृष्ण जी ने वह मणि जामवंत से लेकर उनकी पुत्री जामवंती से विवाह करके लौटे और वह मणि सत्राजित को लौटाई। सत्राजित बहुत लज्जित हुआ और अपनी पुत्री सत्यभामा का विवाह श्रीकृष्ण से कर देते है। कथा वाचक ने बाणासुर, जरासंध, शिशुपाल की कथा भी विस्तार से सुनाई। वहीं सुदामा चरित्र और कृष्ण सुदामा के मिलन की कथा सुनाकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। पूजन कार्य में संचालन आचार्य रामानंद पांडेय ने किया। मुख्य यज्ञाचार्य पं. हरीराम मिश्रा रहे और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने यज्ञ मंडप की परिक्रमा की। इस मौके पर महंत श्याम बिहारी गिरी, कमलेश मिश्रा, मिथिलेश मिश्रा, मोहन तिवारी, अंकित मिश्रा, दीपक तिवारी, लवकुश पाठक, राज शुक्ला, राहुल मिश्रा समेत सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।

Translate »