चहुंओर जल जमाव, धान की फसल को फायदा, किसान खुश
ज्ञानदास कन्नौजिया
शाहगंज (सोनभद्र)। हथिया नक्षत्र ने ऐसी ताकत दिखाई की इस सीजन में सर्वाधिक पानी बरस रिकॉर्ड तोड़ दिया चहुओर पानी की पानी दिखने लगा नदी नाले तूफान पर आ गए। सूखे ताल पोखरे भी पानी से भर गए, मुरझा रही धान की फसल को फायदा पहुंचने से किसानों के चेहरे पर मुस्कान नजर आने
लगी लेकिन लगातार बारिश होने के कारण सब्जी की खेती प्रभावित हुई है कहीं-कहीं झमाझम बरसात से पुराने खडंहर कच्चे घर धराशाई हो गए। बिजली नहीं आने से लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ी है इनवर्टर जवाब देने से तमाम मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गए हैं और गांवों में अंधेरा भी हो गया था। अत्यधिक बारिश की संभावना के मध्य नजर मंगलवार व बुधवार को स्कूल बंद रहे। तीन दिन के बाद आज
लोगों ने सूर्य देव का दर्शन किया। बताते चले कि इस सीजन में कम बरसात होने की वजह से धान की खेती काफी प्रभावित हुई है पानी के अभाव में ज्यादातर किसानों की खेती नहीं हो सकी। सावन, भादो लगभग पूरी तरह सुखा रहा, साधन विहीन किसानोँ की धान की फसल मुरझा रही थी। खेत रवि की फसल बोने लायक हो गए थे इससे किसान चिंतित थे किंतु हथिया नक्षत्र चढ़ते ही अपने शुरुआती दौर में ही अपनी ताकत को दिखा दिया। पिछले तीन दिनों से कभी तेज तो कभी कम बारिश होने से चारों तरफ पानी ही पानी देखने लगा बांधों के
जलस्तर में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। धान झलकने लगी है मगर लगातार बरसात से सब्जी की खेती को कुछ नुकसान पहुंचा है। नदी के किनारे स्थित धान की फसल जलमग्न हो गई लेकिन इसका पानी समय से निकल जाने से इसे कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा झमाझम बारिश होने से हैंडपंपों ने भी तेज पानी उगलना शुरू कर दिया हैं। तीन दिनों हुई बरसात के दौरान पिछले 24 घंटे विद्युत आपूर्ति नहीं होने से लोगों को
मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा है। घोरावल ब्लाक अंतर्गत ठुटेर गांव के विनोद मौर्य, संजय मौर्य, रामविलास पटेल, बंधा के रामचंद्र कनौजिया, मराची के रमेश प्रसाद, चतरा ब्लॉक के धर्मदासपुर के किसान हरिहर वर्मा, राममुरत वर्मा, विशंभर नाथ चौधरी आदि का कहना है कि निराशा किसानों को हथिया नक्षत्र ने तो खुश कर दिया इसी तरह चित्रा नक्षत्र भी मेहरबान हो जाता तो कुछ धान की खेती नहीं होने की कुछ भरपाई हो जाती इसके साथ रवि फसल की खेती की भी अच्छी उम्मीद जग जाती।