ओमप्रकाश रावत
विंढमगंज थाना क्षेत्र समेत ग्रामीण क्षेत्रों में भी भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व भैया दूज धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान बहनों ने निर्जला व्रत रखकर गोबर से बने गोधन कूटकर अपने भाइयों के सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना की। इसके बाद बहनों ने पानी पीकर और चना, चावल और
गुड आदि का प्रसाद ग्रहण कर व्रत को तोड़ा। बहनों ने समूह में जलाशय, मंदिर या किसी के घर के सामने एकत्रित होकर विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनके दीर्घायु होने की कामना की। लोक परंपराओं के
अनुसार बहन इस पूजा पर अनुष्ठान कर अपने भाइयों को श्रापित करती हैं। इसके पीछे यह कारण है कि गोवर्धन की पत्नी दूइजी कृष्ण से भातृत्व प्रेम करती थी। इस भाई-बहन के प्रेम को अमर करने के लिए वह बलि पर चढ़ी तथा श्राप को अंगीकृत की। तभी से इस पर्व की परंपरा चली आ रही है।