चार दोषियों को 7-7 वर्ष की कैद

  • 6-6 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी
  • आपराधिक मानव वध के प्रयास का मामला
    सोनभद्र(राजेश पाठक) विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट खलिकुज्ज्मा की अदालत ने आपराधिक मानव वध के प्रयास मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार को दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों धीरज तिवारी, छविनाथ तिवारी, टिंकू तिवारी व राकेश तिवारी को 7-7 वर्ष की कैद एवं 6-6 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
    अभियोजन पक्ष के मुताबिक जुगैल थाना क्षेत्र के गोठानी गांव निवासी दलित व्यक्ति रामसूचित ने 11 अक्तूबर 2016 को थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 10 अक्तूबर 2016 की रात में उसकी भतीजी अपने भाई सरोज कुमार के साथ महलपुर गांव में रामलीला देखने गई थी। रात करीब 11 बजे बात-बात में उसके भतीजे सरोज कुमार को 3-4 लड़कों ने थप्पड़ और घुसे से मारपीट दिया। जब घर आकर सरोज ने अपने पिता से वाकये की जानकारी दी तो वे पूछने के लिए गए तो महलपुर गांव निवासी धीरज तिवारी, छविनाथ तिवारी, टिंकू तिवारी व राकेश तिवारी ने लाठी-डंडे से भाई गुलाब की बेरहमी से पिटाई कर दी जिससे उनके सिर में गंभीर चोटें आईं। जिन्हें दवा-इलाज के लिए चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेजाकर भर्ती कराया गया। इस तहरीर पर पुलिस ने आपराधिक मानव वध के प्रयास समेत एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना किया। पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर चारों दोषियों धीरज तिवारी, छविनाथ तिवारी, टिंकू तिवारी व राकेश तिवारी को 7-7 वर्ष की कैद एवं 6-6 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक-एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी अधिवक्ता सी. शशांक शेखर कात्यायन ने बहस की।
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