जन्मदिन पर त्याग की प्रतिमूर्ति डॉ रागनी को किया याद

म्योरपुर/पंकज सिंह

बनवासी सेवा आश्रम के विचित्रा महाकक्ष में रविवार को सोनभद्र की मदर टरेसा कहे जाने वाली त्याग की प्रतिमूर्ति डॉ रागनी बहन का 88 जन्म दिन उनके चित्र पर मालार्पण कर मनाया गया। आयोजित गोष्ठी की
अध्यक्षता करते हुए प्रसिद्व साहित्यकार आश्रम अध्यक्ष अजयशेखर ने कहा रागिणी बहन भारतीयता की प्रतिमूर्ति थी। उनके जीवन में गांधी विचार रग-रग में समाहित था। अपने विचार में विमल भाई ने कहा सोनभद्र की मदर टेरेसा स्वास्थ्य सेवा से समाज सेवा में

समर्पित “मां” का दर्जा प्राप्त डा. रागिणी प्रेम के बारे में हम कह सकते हैं कि क्षेत्र की आने वाली पीढियां बिल्कुल नहीँ विश्वास करेंगी कि इस तरह का महान व्यक्तित्व महलो का सुख त्यागकर झोपड़ियों में रहकर, इतने दूरूह व अभावग्रस्त क्षेत्र के छोटे से गांव गोविन्दपुर बनवासी सेवा आश्रम गोविन्द पुर में 1966 से गरीब आदिवासियो व पिछडे़ समाज के बीच रहकर निःस्वार्थ सेवा* किया होगा। आज डा.रागिणी बहन सशरीर नहीं है परन्तु उनके कृत्यों को हम बिल्कुल भुला नहीं सकते। रागिणी बहन के साथ काम करने, उनके साथ के अनुभव, उनके स्मृतियों को वक्ताओं इन्दुबहन, माया बहन, नीरा बहन, देवनाथ भाई, यज्ञनारायण भाई, लालबहादुर भाई, शिवशरण भाई, के द्वारा रखा गया।
वक्ताओं ने कहा हमारा् लबां समय आपके ममतामयी आंचल में बीता हमारी आदर्श प्रेरणास्रोत मां डा. रागिणी प्रेम की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि व शत् शत् नमन। सभा में दर्जनों भाई बहन कार्यकर्ता शामिल रहे।

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