प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सागोबांध में संसाधनों का अभाव।

कोई नहीं परवरिशकर्ता चिकित्सकों की कामना
अनियमितता।

बभनी। थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत सागोबांध में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिसकी परवरिश व देख-रेख करने वाला है ही नहीं यदि स्थानीय लोगों की मानें तो चिकित्सक भी कभी-कभी आते हैं चिकित्सालय में हमेशा एक ही वार्ड बॉय मिलता है जिससे लोग झोलाछाप डॉक्टरों से ईलाज कराने को विवश होते हैं या फिर पैंतीस किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बभनी में ईलाज कराने को विवश होते हैं क्षेत्र की जनता को जागरूकता के अभाव के कारण इस बात का भी पता नहीं हो पाता कि बभनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी चिकित्सकीय संसाधनों के अभाव के कारण जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है और मुसीबत के कारण लोग निजी अस्पतालों का सहारा लेते हैं और कर्ज में भी फंस जाते हैं वैसे दो एनम भी नियुक्त हैं पर केवल कागजों तक ही सीमित रह जाती हैं यहां दो वर्ष पूर्व डेलेवरी की व्यवस्था थी परंतु अब वह भी बंद करा दी गई जिससे एंबुलेंस सेवा भी समय पर उपलब्ध न हो पाने के कारण निजी साधनों के साथ अस्पताल पहुंचाया जाता है। ग्रामीणों का मानना था कि अस्लपताल के खुल जाने से एक बड़ी आस जगी थी कि हमारे स्वास्थ्य की जांच कर उचित उपचार किया जाएगा परंतु एक चिकित्सक की तैनाती होने के बावजूद व्यापक अनियमितता बनी रहती है जिससे लोगों के उम्मीदों पर पानी फिर गया तैनात वार्ड बॉय राजेश कुमार गांव के ही मनरुटोला में अपना एक निजी क्लिनिक खोले हैं जो मौका पाकर अधिक समय मनरुटोला में ही देते हैं। जब इस संबंध में म्योरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ.शिशिर श्रीवास्तव से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी मुझे नहीं है मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।परंतु हफ्तों बीत जाने के बाद भी कोई नहीं आया। वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि मैं किसी के जान के साथ खिलवाड़ नहीं होने दूंगा जिस मामले की शिकायत हमने मुख्यमंत्री को किया हुं हम तबतक प्रयासरत है कि गांव के हर मरीजों को समस्याओं से निजात मिलेगा।

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