राष्ट्रपति के आगमन की तैयारी में जोरों से जुटा एनआरएलएम।

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर क्षेत्र के ग्रामीण महिलाओं की भूमिका।

बभनी। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जहां सेवाकुंज आश्रम में एनसीएल एनटीपीसी व पीडब्ल्यूडी जोर-शोर से लगा हुआ है वहीं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समूह सखियां भी कुछ नया कर गुजारने में लगी हैं जो अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इस बात का संकेत देता है कि अब जनपद में दक्षिणांचल क्षेत्र के अंतिम छोर छत्तीसगढ़ सीमा से

सटे गांवों की महिलाएं भी आत्मनिर्भर हो रही हैं जिस बात की जानकारी देते हुए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की खंड मिशन प्रबंधक मिथिलेश पांडेय ने बताया कि बभनी विकास खंड में कुल 729 समूह संचालित किए जा रहे हैं जिनमें गांवों की लगभग आठ हजार महिलाएं जुड़कर अपने कामकाज को सफल बनाने में लगी हुई हैं जिनमें चने और मटर का बेसन सत्तू अचार पापड़ विभिन्न प्रकार की नमकीन जैसे प्रोडक्ट तैयार कर रही हैं जो बाहर भेजकर अपने परिवार के आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में लगी हुई हैं जिसके लिए एनआरएलएम के द्वारा कुछ थोड़ा बहुत सहयोग राशि भी दी जाती है। जो आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में इन्हे आर्थिक तंगी से निजात मिलने

लगा है और वे अपने रोजगार को लेकर व्यस्त रह रही हैं एनआरएलएम क्षेत्र में सरकार एनआरएलएम के तहत गरीबी व घरों में कैद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही है जिसका परिणाम गांवों में देखने को मिल रहा है जो गांवों में आर्थिक तंगी से परेशान महिलाओं का कयाकल्प किया जा रहा है।समूह की महिलाओं फूलमती आशा कालिंदा बासमती वंदना बिंदू हलकन कलावती अनीता समेत अन्य महिलाओं ने बताया कि हम सभी को आगे बढ़ाने के लिए अहम भूमिका मिथिलेश पांडेय का रहा है जिनके तमाम प्रयासों के बाद आज हमें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का मतलब समझ में आया और हम अपने अधिकारों को समझते हुए मना रहे हैं।

राष्ट्रपति के आगमन पर एनआरएलएम की तैयारी।

बभनी। सेवाकुंज आश्रम कारीडांड़ में 14 मार्च को राष्ट्रपति के आगमन की तैयारी में एनआरएलएम जोर-शोर से जुटा हुआ है जिसके लिए समूह की महिलाएं दो सौ गमलों को संवारने में जुटी हुई है एडीओ आईएसबी चारुलता ने बताया कि महामहिम के स्वागत में एनआरएलएम के द्वारा आदिवासी लोकनृत्य कर्माडांस की भी तैयारी कर ली गई है हमारे क्षेत्र की महिलाएं अपने छोटे-छोटे रोजगार से

आत्मनिर्भर बन रही हैं और जिससे आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके और आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक अलग रुप में मनाया जा सके।
बभनी थाने में कार्यरत महिला कांस्टेबल रंजना ने कहा कि इस क्षेत्र में महिलाओं का आत्मनिर्भर बनना बहोत बड़ी बात है जो दो वर्ष पहले महिलाएं घरों में कैद रहा करती थीं जिससे आएदिन मार-पीट हत्या व आत्महत्या जैसे मामले आते थे जो इन दो वर्षों में इन मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्होंने महिलाओं को इस बात का भी संदेश दिया कि महिलाएं कानूनन अधिकारों का दुरुपयोग न करें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अधिकार है परंतु कानून के नियमों का उल्लघंन करने का नहीं इसलिए जागरुक बनें सशक्त बनें प्रशासन सदैव आपकी सेवा में है।

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