वरिष्ठ लेखक विजय शंकर चतुर्वेदी की रिपोर्ट

– कण्व ऋषि की मूर्ति पूजा कर हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
– भगवान शिव का धाम है यह पवित्र स्थल
आध्यत्मिक ऊर्जा का केंद्र कंडाकोट धाम में पूरे देश से श्रद्धालु एकत्रित होकर भोलेनाथ शिव का दर्शन कर अपने को कृतार्थ महसूस कर रहे हैं।
राबर्ट्सगंज से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पहाड़ पर भगवान शिव की आठवीं शताब्दी की मूर्ति आज भी प्राणवान है, जिसकी वजह से सम्पूर्ण पहाड़ी आध्यत्मिक ऊर्जा और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र बन गयी है।

यहां 24 फरवरी तक यज्ञ व धार्मिक आयोजन होते रहेंगे ।
सर्वेश त्रिपाठी और धनंजय त्रिपाठी के संयोजकत्व में इस पहाड़ी पर स्थित कण्व ऋषि की मूर्ति का मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजन अर्चन कर बसंत पंचमी के दिन कण्व ऋषि की जयंती मनाई गई, इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पीएसी कमांडेंट अशोक कुमार राय व विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी मौजूद थे । इसके अतिरिक्त सनोज तिवारी व दीपक कुमार केसरवानी, विजय शंकर पांडेय सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित थे । अतिथियों द्वारा भारत में ऋषि कण्व से जुड़े प्रमुख स्थलों और तथ्यों पर प्रकाश डालती प्रह्लाद शेषगिरी कुलकर्णी द्वारा संपादित एक पुस्तक ‘श्री कण्वशाखा धार्मिक रसप्रश्न मंजूषा ‘ का विमोचन भी किया गया ।
उल्लेखनीय है कि यही वह स्थल है जहां कण्व ऋषि, उनके पुत्र सहित कई ऋषि मुनियों ने यहां तप किया था, यहां विद्यमान गुफा चित्र मानव सभ्यता के विकास के साक्षी हैं और इस पहाड़ी के दक्षिणी सिरे पर स्थित दिवाल में बड़ी ईंटों का प्रयोग इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व को भी दर्शाता है ।
श्रद्धालुओं की भीड़ को पुलिस के जवान नियंत्रित कर रहे हैं, लगभग दो किलोमीटर का रास्ता पक्का न होने की वजह से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
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