ग्रामीणांचल के वंचित बच्चों को शिक्षित कर रही है एजुकेशनल फाउंडेशन

तृतीय स्थापन दिवस पर शिक्षा की चुनौतिया और समाधान विषय पर हुई संगोष्ठी

डाला-सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- शिक्षा की चुनौतियां और समाधान को लेकर उपक्रम एजुकेशनल फाउंडेशन के तृतीय स्थापना दिवस पर रविवार को देर शाम श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर परिसर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि डालमिया सीमेंट फैक्ट्री के पूर्व प्रेसिडेंट व प्रख्यात शिक्षाविद् तथा फोरएस पाठशाला मुसही के चेयरमैन डाॅ. जेएन तिवारी जहां मौजूद रहे वहीं मुख्य वक्ता केरूप में आईएफडब्लूजे के राष्ट्रीय पार्सद राजेश द्विवेदी ने विषय पर विस्तार से अपने उदगार व्यक्त करते हुए शिक्षा की उपयोगिता पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन संस्था की शह संस्थापक चन्द्र किरण तिवारी ने किया बताया कि संस्था द्वारा कोरोना महामारी के दौरान से अब तक लगभग 450 बच्चों को गांव-गांव पहुचकर उन्हें शिक्षित-प्रशिक्षित करने का कार्य कर रही है संस्था के मुख्य उद्देश्य शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना साथ ही जिसमें पढ़ना-लिखना सिखाने में कहानी सुनाना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। कहानी के माध्यम से भाषा के चारो कौशल सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना सब पर काम हो सकता है इसलिए हम लोग कहानी-कविताओं को जरूर शामिल करते हैं। स्थापना दिवस की महत्ता एवं शिक्षा की चुनौजियां और समाधान विषय पर बोलते हुए मुख्य अतिथि डाॅ0 जेएन तिवारी ने कहा की सरकारी स्कूलों के ज्यादातर ग्रामीण बच्चों को अंग्रेजी नही आती, बच्चों को अंग्रेजी की शिक्षा मे निःशुल्क देता हूं, कोरोना काल मे मुझे कहीं नही दिखा उत्तर प्रदेश मे मात्र चार प्रतिशत बच्चे प्राइमरी शिक्षा नही ले पाते परन्तु हाईस्कूल मे पहुचते पहुचते सत्रह प्रतिशत बच्चे शिक्षा से बचिंत रह जाते हैं, दूर्भाग्य है देश का की आजतक हम देश की प्रधान भाषा को तय नही कर पाए, जबकि अन्य देशों मे ऐसा नही है, हर जगहो पर मातृभाषा का इस्तेमाल होता है लेकिन भारत मे ऐसा नहीं है। सोनभद्र मे भाषा को लेकर चलने वाली उपक्रम एजुकेशनल फाउन्डेशन यह पहली संस्था है, अभी तक कोरोना काल के दौरान शिक्षा से छुटे बच्चों का पढाई से मन भटक गया है, बच्चों को अग्रीम कक्षा में उत्तरोत्तर करने से बच्चों की शिक्षा नीवं पर असर पडेगी, स्कूलों को स्कूल मे शिक्षा के उपरांत बच्चों का होमवर्क आनलाइन उसी दिन देखना चाहिए। मुख्य वक्ता राजेश द्विवेदी ने कहा कि कोरोना काल के दौरान शिक्षा का स्तर नीचले स्तर पर चला गया है, गरीब आदिवासी बच्चो का शिक्षा का गैप होने से वह पूर्व की स्मरण हुई विषय पूर्णतया भुल जाएगा। इस दौरान संस्था के द्वितीय सह संस्थापक निखिल शेट्टी, श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर के महंत पं0 मुरली तिवारी, शिक्षक श्रीप्रकाश द्विवेदी, विनय शुक्ला, संजय केशरी, सजावल पाठक, मुकेश जैन, राजीव चन्द्रवंशी, प्रमोद चैधरी, संजय सिंह समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

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