-वाराणसी दूरदर्शन केंद्र अघोरियों की तपोभूमि गोठानी की कर चुकी है शूटिंग।-नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत इंटैक साहित्यकारो, इतिहासकारो कर चुकी है साक्षात्कार।-विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट कर रही है सहयोग।सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- फिल्म निर्माताओं एवं मीडिया की पहली पसंद सोनभद्र जनपद की हसीन वादियों में अवस्थित सलखन का फॉसिल्स पार्क, गुफाचित्र, किले, गढ़ी, तालाब, आदिवासी नृत्य, गीत, संगीत, संस्कृति,साहित्य, कला पर आधारित लघु फिल्म नए कलेवर के साथ दूरदर्शन केंद्र (डीडी चैनल) पर टीवी के रुपहले पर्दे पर प्रसारित किया जाएगा।
साहित्य,कला, संस्कृति के क्षेत्र में 21 वर्षों से भूतातात्विक, पुरातात्विक, ऐतिहासिक, प्राकृतिकस्थलों के संरक्षण, संवर्धन, पर्यटन विकास हेतु कार्यरत विंध्य संस्कृति शोध समिति उत्तर प्रदेश ट्रस्ट के निदेशक दीपक कुमार केसरवानी, वाराणसी दूरदर्शन केंद्र के निदेशक सौरभ शुक्ला,आकाशवाणी केंद्र ओबरा के निदेशक अजय प्रताप कटियार, उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग वाराणसी के क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉक्टर सुभाष चंद्र यादव सहित के सहयोग से शोण महानद रेणु, विजुल नदी के संगम तट पर अवस्थित सोमनाथ मन्दिर, सप्त शिवालय, बनसरादेवी के मंदिर सहित आसपास के क्षेत्रों मैं अवस्थित प्राचीन कालीन मंदिर, ऐतिहासिक अवशेष, प्राकृतिक दृश्यो पर आधारित एक लघु फिल्म का निर्माण किया जा रहा है। दिल्ली दूरदर्शन केंद्र के अभय मिश्रा द्वारा जनपद सोनभद्र विभिन्न अंचलों में निवास करने वाले आदिवासियो के सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक जीवन, खानपान संस्कृति पर आधारित लघु फिल्म का निर्माण बीबीसी लंदन के हिंदी प्रसार विभाग एवं आकाशवाणी केंद्र दिल्ली से जुड़ी इंदु पांडे सहित जनपद के अन्य विद्वानों के सहयोग से किया जा चुका है। भारत सरकार की स्वच्छता अभियान के तहत संचालित नमामि गंगे के प्रोजेक्ट के तहत इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (इंटैक) दिल्ली के हरीश वैजवाल, तृप्ता सिंह की टीम द्वारा शोण महानदी के तट के रहवासियों के लोकजीवन, लोक संस्कृति, लोक कला, लोक साहित्य पर आधारित वृत्तचित्र का निर्माण किया जा चुका है जिसका प्रसारण जल्द ही किया जाएगा।
विश्व पटल पर प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से सोनभद्र के साहित्य, कला, संस्कृति, लोक साहित्य, आदिवासी जीवन प्रदर्शित करने में कठपुतली कला केंद्र सलखन,पटवध के संस्थापक एवं रंगकर्मी हरिशंकर शुक्ला, आदिवासी लोक कला केंद्र की सचिव प्रतिभा देवी सहित लोक संस्कृति से जुड़े हुए स्थानीयजन, विद्वान, सहयोग प्रदान कर रहे हैं।
इन लघु फिल्मों के निर्माण एवं प्रसारण के निर्माण से भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार पर्यटन केंद्रों की स्थापना, महत्वाकांक्षी योजनाओं को बल मिलेगा, देशी- विदेशी पर्यटकों को सोनभद्र की ओर आकृष्ट होंगे,जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा एवं स्थानीय लोगों को विभिन्न प्रकार का रोजगार मिलेगा।