वनाधिकार में कोल को मिले जनजाति का लाभ- एआईपीएफ मुख्यमंत्री को पत्र भेज उठाई मांग

सोनभद्र, 18 नवम्बर 2020, आदिवासी कोल जाति को वनाधिकार कानून में अनुसूचित जनजाति का लाभ प्रदान करने के लिए आज आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश उपाध्यक्ष कांता कोल ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजा। इस पत्र की प्रतिलिपि प्रमुख सचिव, समाज कल्याण को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी गई है।
पत्र में कहा गया है कि 2005 में प्रदेश सरकार की अधिसूचना में कोल जाति को जनजाति की प्रसुविधा देने का आदेश दिया गया है। यहीं नहीं अब तक कई बार भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा कराई तमाम जांचों व अध्ययन में कोल जाति को जनजाति की श्रेणी का पाया गया है। जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने भारत सरकार से कोल को जनजाति की सूची में सम्मिलित करने का अनुरोध भी किया है। ऐसी स्थिति में जब हमारी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेशों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वनाधिकार कानून के तहत जमा दावों की जांच जिला प्रशासन द्वारा करायी जा रही है तब कोल को जनजाति की सुविधा का लाभ देना न्यायोचित होगा। ताकि कोल जाति भी पुश्तैनी वन भूमि पर जमा दावों में अनुसूचित जनजाति को मिल रही 75 वर्ष अथवा तीन पीढ़ी के कब्जा प्रमाण न देने की सुविधा का लाभ प्राप्त कर अपनी जमीन पर अधिकार पा सके। एआईपीएफ ने इस सवाल पर सोनभद्र, मिर्जापुर और चंदौली के नौगढ़ में बड़े पैमाने पर हस्ताक्षर अभियान चलाने का भी निर्णय लिया है।

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