शाहगंज-सोनभद्र(सर्वेश श्रीवास्तव)- उपलब्ध संसाधनों में ही कैसे विद्यालय को आकर्षण का और सामाजिक चेतना का केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है इसका उदाहरण घोरावल शिक्षा क्षेत्र के ओड़हथा अंग्रेजी माध्यम प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका अमृता सिंह हैं। कोरोना काल में बंद चल रहे पारंपरिक शिक्षण का विकल्प तो ऑनलाइन प्लेट फार्म रहा ही साथ ही शिक्षणेत्तर गतिविधियों में भी इस विद्यालय के बच्चों ने बुलंदी बुलंद की है। ड्रेस, पाठ्यपुस्तकें,मध्याह्न भोजन योजना का अधिकार पत्र हो या फिर ऑनलाइन परीक्षा,क्यूज प्रतियोगिता अथवा कायाकल्प समेत अन्य योजनाओं में सहभागिता सभी में यह विद्यालय खरा उतरता है। अभी हाल ही में महिला सहायता एवं सुरक्षा चक्र
का आकर्षण चर्चाओं में रहा है। शासन की मंशा के

अनुरूप विद्यालय में वुमेन पावर लाइन-1090,महिला हेल्प लाइन- 181, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन-1076, पुलिस आपातकालीन सेवा- 112,चाइल्ड लाइन- 1098, स्वास्थ्य सेवा – 102 एम्बुलेंस सेवा – 108
का चार्ट बनाकर न केवल विद्यालय में बल्कि आस-पास की लड़कियों को भी अवगत कराया। अपने शिक्षण कौशल से सीखने की प्रक्रिया को सुगम बनाने वाली परास्नातक प्रशिक्षित अध्यापिका लगन और कड़ी मेहनत से विद्यालय के शैक्षिक वातावरण को उस मुकाम तक ले गई है कि जनता इण्टर कालेज
परासी पाण्डेय के इतिहास के प्रवक्ता विजय शंकर पाठक ने अपने बच्चों का नाम पब्लिक स्कूल से कटवाकर इस प्राइमरी स्कूल में लिखवाकर
संतुष्ट है ऐसे कई उदाहरण भरे पड़े हैं। अभिभावक, शिक्षा समिति, प्रधान, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर गोरखनाथ पटेल और खण्ड शिक्षा अधिकारी उदयचंद राय आदि इस विद्यालय के शिक्षण और साज सज्जा की तारीफ कर चुके है। कई पुरस्कारों से सम्मानित अध्यापिका अमृता एक सुयोग्य शिक्षिका के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं।
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