कप्तान साहब जरा रायपुर थाने पर भी दीजिए ध्यान अब वह हो रहा जो कभी नहीं हुआ क्षेत्र के लोग पशु तस्करी से हतप्रभ व अवाक

सोनभद्र।रायपुर थाना क्षेत्र इन दिनों पशु तस्करों के लिए सुरक्षित चारागाह बना हुआ है।खुलेआम पशुओं से भरी गाड़ियां बिहार जा रही हैं।इन्हें रोकने वाला कोई नहीं ।आरोप लगाते हुये विजय विनीत अध्यक्ष सोनभद्र इकाई आई एफ डब्ल्यू जे यू सोनभद्र कहा कि रविवार की रात दो बजे से लेकर सुबह छः बजे तक दो दो चार चार गाड़ियां एक साथ मुख्य मार्ग से बिहार जाती देख लोग आवाक रह गए।ऐसा कभी नहीं देखा गया था । एक साथ इतनी गाड़ियां पशुओं को लेकर खुलेआम बिहार में प्रवेश करती रहीं रायपुर थाना व सुअरसोत चौकी पुलिस मूक दर्शक बनी रही। पशु तस्करी का धंधा तो काफी अरसे से चल रहा है लेकिन इतने खुलेआम ढंग से कभी नहीं होता था । पिछले 15 दिनों से ऐसी कोई रात नहीं जिस रात को आधा दर्जन से अधिक पिकअप वाहन पशुओं को लेकर मुख्य मार्ग से बिहार न जाते हो । क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि इसमें बिहार राज्य के चैनपुर थाना क्षेत्र के डूमर कोन गांव के पास का एक व्यक्ति प्रमुख है जो लंबे अरसे से पशु तस्करी का कार्य कर रहा है। उसके पास स्वयं आधा दर्जन से अधिक वाहन है। उसकी दबंगई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की पूर्व में जब वह कर्मा क्षेत्र से होकर मधुपुर क्षेत्र में प्रवेश किया तो डायल हंड्रेड की गाड़ी ने रोकने का प्रयास किया। वाहन चालक ने डायल हंड्रेड की गाड़ी को धक्का मारा और पुनः अपनी गाड़ी घुमा कर एक बार फिर धक्का मारा जिससे डायल हंड्रेड का वाहन सड़क के नीचे उतर गया और वह अपना वाहन लेकर फरार हो गया ।इस मामले में तत्कालीन कोतवाल रावर्टसगंज राजीव मिश्र व सुकृत चौकी इंचार्ज ने खलियारी तक पीछा किया था ।इसके अलावा जमुनी नार बिहार के दो लोग रायपुर थाना क्षेत्र के खलियारी, पडरी, व डीवी डीबा का एक व्यक्ति इस धंधे में संलिप्त है। इसके अलावा खलियारी बाजार का एक प्रभावशाली व्यक्ति व एक नेता जो इसके पूर्व पशु तस्करी का खुलकर विरोध कर रहा था उसकी भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। लोगों का कहना है कि उक्त व्यक्ति पशु तस्करी का नहीं बल्कि तत्कालीन थाना अध्यक्ष कमलेश पाल का विरोध कर रहा था। उनके जाने के बाद वह स्वयं और तस्करों को संरक्षण दे रहा है ।क्षेत्र के लोग इस पशु तस्करी में रायपुर थाने पर तैनात एक पुलिसकर्मी की भूमिका को मुख्य बता रहे हैं जो पूर्व में सुअर सोत पुलिस चौकी पर तैनात था। कुछ दिन पहले उसका स्थानांतरण पुलिस लाइन के लिए हुआ लेकिन कुछ प्रभावशाली लोगों ने उसकी तैनाती रायपुर थाने पर करवा दी। पशु तस्करी के इस खेल में वर्तमान थाना अध्यक्ष की भूमिका भी काफी संदिग्ध बताई जा रही है ।लोगों का कहना है कि यदि खुलेआम इस तरह दिनदहाड़े पशु तस्करी जारी रही तो कभी भी लोग सड़कों पर उतर सकते हैं। क्षेत्रीय लोगों ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि इसकी गोपनीय जांच कराकर पशु तस्करी में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाय।हालांकि जांच के बाद स्थिति स्पस्ट होगी कि थानाध्यक्ष एवं पुलिस कर्मी की भूमिका है या नही।

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