विद्यालयों से एडमीशन व ट्यूशन फीस के नाम पर मची लूट के खिलाफ अविभावको ने डीएम को सौपा ज्ञापन

सोनभद्र।कोरोना जैसी वैषयिक महामारी में अविभावक बच्चो को लेकर वैसे ही परेशान है इस पर विद्यालयों द्वारा फर्जी तरीके से फीस की वशूली किये जाने से नाराजगी और बढ़ गई है।आज तमाम अविभावक जिलाधिकारी का घेराव कर चेतावनी देते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा जिलाधिकारी को सौंपा चार सूत्री ज्ञापन सौपा ।

अभिभावक मंच के संयोजक तथा अध्यक्ष क्रमशः अशोक पाण्डेय तथा गिरीश पाण्डेय के नेतृत्व मे आज अभिभावकों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि विद्यालयों द्वारा जुलाई से एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होने की बात बता कर एडमिशन फीस ट्यूशन फीस के अलावा इयरली डेवलपमेंट चार्ज, अदर चार्ज तथा काशन मनी के नाम पर बड़ी धनराशि ले लिया गया है, जो सरासर अभिभावकों का दोहन है ।

विद्यालय बंद होने के बावजूद ट्यूशन फीस के अलावा लिए गए अन्य सभी तरह के शुल्क के समायोजन की मांग की । अभिभावकों ने बताया कि डीएवी पब्लिक स्कूल द्वारा अन्य चार्ज तथा फीस के अलावा मैग्जीन के नाम पर प्रति छात्र लगभग पांच हजार रुपये लेने की शिकायत करते हुए कहा कि लाइब्रेरी मे मैग्जीन पढने के लिए देने की बात कह कर हर साल करोड़ो रुपये की यह अवैध वसूली है जिसका समायोजन भी फीस के रुप मे कराने की मांग के साथ मैग्जीन तथा डेवलपमेंट के नाम पर होने वाली वसूली पर प्रतिबंध लगाने की मांग की । अभिभावकों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि सरकार द्वारा प्रत्येक विद्यालय मे गरीब बच्चों के एडमिशन का कोटा जो निर्धारित है उसके अनुसार किसी भी विद्यालय मे गरीब बच्चों का एडमिशन निःशुल्क नही लिया जा रहा जिसकी जांच कराते हुए, नियमानुसार गरीब बच्चों का निःशुल्क दाखिला कराने की मांग की । प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि लाॅकडाउन के कारण सभी अभिभावकों का रोजगार प्रभावित है । बावजूद इसके बच्चे का नाम काटने तथा पढ़ाई से वंचित करने की बात कह कर विद्यालयों द्वारा फीस जमा करने का दबाव बनाया जाना अमानवीय है । अभिभावकों ने फीस के अभाव मे किसी भी छात्र का नाम ना काटने तथा पढ़ाई से वंचित ना करने की मांग के साथ ही अबतक ट्यूशन फीस के अलावा लिए गए सभी तरह की उलूलजूलूल फीस का समायोजन कराने के साथ ही अप्रैल मई जून की पूरी फीस माफ कराने के साथ ही शेष महीनों मे 50% फीस कम कराने की मांग सामंजस्य स्थापित कराकर कराने की की है।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे अभिभावक मंच के संयोजक अशोक पाण्डेय तथा अध्यक्ष गिरीश पाण्डेय ने कहा कि सरकार यदि फीस की समस्या पर सामंजस्य स्थापित नही कराती तो निश्चित रूप से ज्यादातर किसानों तथा कामगारों के बच्चे शिक्षा से वंचित हो जायेंगे । जिसका दंश देश तथा समाज को आने वाले समय मे झेलना पड़ेगा । नेता द्वय ने बताया कि जिला विद्यालय निरीक्षक के जवाब से अभिभावकों मे गुस्सा है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने सीबीएसई बोर्ड के विद्यालयों पर उनका नियंत्रण ना होने की बात कही। जबकि जनपद के सभी विद्यालय उनके अधिकार मे हैं।
अभिभावक राजीव पाण्डेय, संतोष, आनंद शुक्ला, योगेश, शिवचरण यादव, प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि यदि शिक्षा विभाग तथा जिलाप्रशासन हमारी मांगों पर गंभीरता से कार्यवाई करते हुए हम अभिभावकों को राहत एक सप्ताह मे नही देगा तो अभिभावक मंच के नेतृत्व मे आंदोलन प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी का घेराव भी जनपद के अभिभावक करेंगे । जिसकी पुरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी ।

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