नगर पंचायत समेत ग्रामीण अंचलों में रात में विद्युत कटौती की किया विरोध

गुरमा सोनभद्र। गुरमा विद्युत फीडर पर तैनात जिम्मेदार अधिकारी की घोर उपेक्षा व लापरवाही के चलते क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है विद्युत व्यवस्था की किसी भी शिकायत का बरसो तक निस्तारण नहीं हो पा रहा है समस्या चाहे वह मीटर खराब की हो या विद्युत बिलों की गड़बड़ी की हो या विद्युत सप्लाई की हो। क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था पर तैनात जिम्मेदार तैनाती के बाद भी तैनाती स्थल से दूर रहकर अपनी ड्यूटी कागजों में बजा रहा है
उपभोक्ताओं की शिकायत है की मारकुंडी से लेकर सलखन, पटवध तक कुल 11 पेट्रोल पंप और एक क्रेशर प्लांट है जहाँ से हर महीने विद्युत विभाग के लाइन मैन से लेकर बड़े कर्मचारियों और अधिकारियों तक सिस्टम चल रहा है। और ग्रामीण सेक्शन की लाइट खोलकर केवल मारकुंडी, ओबरी, सलखन, पटवध में दी जाती है। जब अधिकारियों से संपर्क करने पर उनका मोबाइल स्विच ऑफ अथवा बिजी बताता रहता है। अगर किसी तरह उनका मोबाइल फोन लग भी गया तो उपभोक्ताओं को झूठी तसल्ली दी जाती है। विद्युत सिस्टम के बीमार होने का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सौभाग्य योजना के तहत लगभग एक वर्ष पूर्व हुए घरेलू कनेक्शनों का बिल लगभग 20 -20 हजार बता कर बिल जमा करवाने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है ना देने पर कनेक्शन काट दिए जा रहे हैं उपभोक्ता इतना बिल देखकर भौचंकित है वहीं दूसरी ओर विद्युत उपभोक्ताओं के मीटर रुक जाने के बाद विद्युत स्टेशन पर लिखित सूचना देने के बाद भी वर्षों तक उनके मीटर नहीं बदले जा रहे हैं इस अवधि में उपभोक्ताओं को विद्युत कैसे मिलती है यह एक जांच का विषय है ।
हालांकि सूत्र बताते हैं विद्युत विभाग का बिल पुराने रेट के हिसाब से उनसे जमा करा लिया जाता है कुल मिलाकर विद्युत विभाग के कर्मचारियों की विद्युत चोरी कराने में अहम भूमिका निभाई जा रही है तो वहीं कनेक्शन धारकों को भारी बिल दिखाकर सौदेबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं हालांकि ग्रामीण विद्युत विभाग के बीमार सिस्टम की व्यक्तिगत व सामूहिक शिकायतें जिला स्तर से लेकर सीएम पोर्टल तक लगातार भेजी जा रही है लेकिन विभागीय कार्य शैली में बदलाव नजर नहीं आ रहा है।
हालांकि सुधार से पहले ही उपभोक्ताओं के कनेक्शन पहले ही काट दिए गए हैं जिससे उपभोक्ताओं में रोष व्याप्त है।

Translate »