बहुअरा साधन सहकारी समिति में हुए घोटाले में जांच की मांग

सोनभद्र। बहुअरा साधन सहकारी समिति में अध्यक्ष एवं सचिव की मिलीभगत से भारी पैमाने पर हुए घोटाले के सत्यता की जांच के संबंध में समिति के डायरेक्टरों ने गुरूवार को सहायक आयुक्त/सहायक निबंधक सहकारिता को एक शिकायती पत्रक सौपते हुए बैठक में शामिल होने की मांग की।

बहुअरा साधन सहकारी समिति के डायरेक्टर व जनता दल यूनाइटेड के जिलाध्यक्ष श्री संतोष पटेल की अगुआई में समिति के अनेक डायरेक्टरों ने गुरूवार को जिलाधिकारी समेत सहायक आयुक्त/सहायक निबंधक सहकारिता को एक शिकायती पत्रक सौपते हुए बताया कि समिति के अध्यक्ष व सचिव की मिलीभगत से बहुअरा साधन सहकारी समिति में विगत वित्तीय वर्ष में धान एवं गेहूं खरीद में बड़े पैमाने पर घोटाले का प्रकरण सामने आया है। जिसमें समिति के कैंपस के अंदर से 85 बोरा गेहूं के चोरी चले जाने का भी मामला काफी गंभीर है। जिसकी जानकारी होने पर 24 जुलाई, 2020 को उक्त मामलों का संज्ञान लेते हुए बोर्ड डायरेक्टरों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि आगामी 31 जुलाई, 2020 को उक्त के संबंध में एक बैठक की जाएगी। जिसमें समिति के सचिव व आंकिक द्वारा धान एवं गेहूं खरीद से संबंधित जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए उर्वरक के स्टाक का भी मिलान कराया जाएगा। जिसके आधार पर बोर्ड द्वारा आवश्यकतानुसार आवश्यक कानूनी कार्रवाई कराए जाने हेतु निर्णय लिया जाएगा। श्री पटेल ने यह भी बताया कि चूंकि पूरे मामले में अध्यक्ष की सहमति एवं सहभागिता भी शामिल है और आगामी बैठक में सारे घोटाले का पर्दाफाश होता हुआ देखकर एवं संभावित कार्रवाई की आशंकावश मामले की लीपापोती करने की कुटिल मंशा से कल दिनांक 28 जुलाई, 2020 को कुछ डायरेक्टर साथियों को अध्यक्ष के मौखिक निर्देशानुसार आंकिक संतोष ने मोबाइल द्वारा बैठक को मनमानी तरीके से स्थगित करने की सूचना दी। अध्यक्ष एवं सचिव की मनमानी से नाराज डायरेक्टरों का कहना है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार बैठक में शामिल होने के लिए सभी डायरेक्टर्स बहुअरा समिति पर प्रातः 11 बजे से उपस्थित होंगे। बैठक में सभी बिंदुओं पर स्वतंत्रतापूर्वक सभी का विचार सामने आ सके तथा बैठक को मनमानी तरीके से प्रभावित न किया जा सके, इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी समेत सहायक आयुक्त/सहायक निबंधक सहकारिता से मांग की गयी है कि विभागीय पर्यवेक्षक की उपस्थिति में सारी कार्रवाई की जाय। यहां यह भी गौरतलब है कि क्या विभाग की तरफ से कोई अधिकारी उक्त बैठक में शामिल होता है अथवा कोविड-19 की आड़ में समिति के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया जाता है।

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