कुछ गांव ऐसे हैं जहां न तो गरीबों को राशन मिल रहा है और न ही राशन कार्ड

ओम प्रकाश कुमार विंढमगंज
कचनरवा सोनभद्र विकास खंड चोपन के कुछ गांव ऐसे हैं जहां न तो गरीबों को राशन मिल रहा है और न ही राशन कार्ड। क्षेत्र के कई गांवों में ग्रामीणों का अभी तक राशन कार्ड नहीं बनने से ग्रामीण राशन के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। जबकि शासन द्वारा राशन कार्ड बनाने के साथ ही बिना राशन कार्ड वालों को भी राशन उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है। ये दावा झूठा साबित हो रहा है। कचनरवा पंचायत के भेलवाखाड़ी गांव में पार्वती पत्नी छोटू महाराज ने बताया कि कई बार हमने फार्म भरा किंतु आज तक मेरा राशन कार्ड नहीं बना मेरे पति बीमार रहते हैं घर में राशन नहीं है कई बार प्रधान और डीलर के चक्कर काट रही हु लेकिन किसी ने मेरी मदद नहीं की और कोई सहायता भी नहीं मिला यही शिकायत शिवधारी पुत्र गणेश ने भी की आलम यह है कि लॉकडाउन के बाद से मजदूर गरीब भुखमरी के कगार पर पहुंच चुका है। लेकिन शासन द्वारा किसी को भूखा नहीं रहने देने के उद्देश्य से सस्ते गल्ले की दुकान से निशुल्क राशन वितरण किया जा रहा है। वहीं बिना राशन कार्ड वालों को भी राशन मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है। लेकिन हकीकत तो यह है कि बहुत से ग्रामीणों का फार्म भरने के बावजूद भी अभी तक उनका राशन कार्ड नहीं बनाया गया और ना ही बिना राशन कार्ड वालों को अभी तक राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।

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