दुद्धी सोनभद्र ।अमवार चौकी अंतर्गत नगवा बालू साइड पर मिले स्वर्गीय राम सुंदर गौड़ निवासी ग्राम पकरी विंढमगंज सोनभद्र का शव खनन क्षेत्र से संदिग्ध स्थिति में पाए जाने को लेकर जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा जिला मजिस्ट्रेट को दिए 3 जून शिकायती प्रार्थना पत्र के शिकायतकर्ता मंच के रामविचार सिंह टेकराम संयोजक एवं शिवप्रसाद आयाम संगठन मंत्री आदि के द्वारा संदिग्ध मौत की जांच कराए जाने एवं नगवा बालू साइड के नाम पर बकरी के काश्तकारों की भूमि धरी भूमि में खनन किए जाने को लेकर विवाद होने के समाधान हेतु स्थानीय स्तर पर सीमांकन कराए जाने के साथ ही ग्रामीणों के अन्य आवश्यक उपाय की मांग की गई है , शिकायती प्रार्थना पत्र के द्वारा रामसुंदर गौड़ की संदिग्ध मौत की वजह , 1- शव बालू में गड़ा हुआ मिला था ,तथा शव का सिर थोड़ा बहुत दिख रहा था । 2- शव के सभी दांत टूटे हुए थे और गला पूरा काला व मोटा था और हाथ के कोहनी के पास चोट ज्यादा थी । 3- दाया आंख नहीं था और दोनों काम से खून का स्राव हो रहा था। 4- पीठ हुआ पेट में बड़े-बड़े फफोले पड़े थे जिससे मृतक की संदिग्ध मौत की मजिस्ट्रियल जांच कराए जाने की आवश्यकता बताई गई है ।। आवेदक गणों ने आशंका जाहिर किया है कि मृतक की हत्या से ध्यान भटकाने के लिए थाना अध्यक्ष प्रभारी निरीक्षक दुद्धी व थाना अध्यक्ष विंढमगंज द्वारा फर्जी ढंग से एफ आई आर दर्ज कराया गया है जिसमें दोनों थाना अध्यक्ष की भूमिका संदिग्ध आवेदक गणों ने बताया है । शिकायती प्रार्थना पत्र पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए जिला मजिस्ट्रेट एस राजलिंगम ने आदेश पत्रांक संख्या 5214 दिनांक 3 जून 2020 को कृपा शंकर पांडे उप जिलाधिकारी मुख्यालय सोनभद्र को इस सनसनीखेज मामले की जांच हेतु मजिस्ट्रेट नामित किया गया है साथ ही इस आशय से पुलिस अधीक्षक सोनभद्र , अपर जिला मजिस्ट्रेट सोनभद्र , डॉक्टर कृपा शंकर पांडे उप जिलाधिकारी मुख्यालय सोनभद्र , वह जिला सूचना अधिकारी सोनभद्र को इस आशय की आदेश की कॉपी प्रेषित की गई ज्ञात हो कि गत दिनों नगवा बालों साइट पर रामसुंदर गौड़ की हत्या की आशंका से आक्रोशित ग्राम पकरी विंढमगंज सोनभद्र के ग्रामीणों द्वारा सैकड़ों की संख्या में आक्रोश खनन क्षेत्र पर व्यक्त किया गया था , जिसमें पोकलेन और ट्रक के शीशे तोड़े जाने के मामले को लेकर 11 लोगों के खिलाफ नामजद ग्राम प्रधान सहित मामला पंजीकृत किया गया था साथ ही 20 से 25 अज्ञात लोगों पर भी मुकदमा कायम किया गया है जिसको लेकर जांच की मांग आम जनों में भी उठ रही थी और पुलिस के कार्य पद्धति पर प्रश्नवाचक चिन्ह खड़े किए जा रहे थे । कुछ भी हो घोरावल के उम्भा कांड खनन क्षेत्र ना बने इसके लिए निष्पक्ष जांच जनहित में आवश्यक है और दोषी लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की मांग कई राजनीतिक पार्टियों के द्वारा उठाई जा रही है, इस जांच से संशय पर पर्दा जल्दी उठने के बाद अब कहीं जा रही है ।
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