
मजदूर किसान मंच ने खण्ड़ विकास अधिकारी म्योरपुर से मिलकर की वार्ता
सोनभद्र।मनरेगा कानून के प्रावधानों का सोनभद्र जनपद के दुद्धी तहसील में खुले आम उल्लंधन किया जा रहा है। मनरेगा के तहत कराए जा रहे
कामों में कार्यरत श्रमिकों की हाजरी जाबकार्ड पर दर्ज नहीं की जा रही है। हफ्तों काम करने के बावजूद मजदूरों को मजदूरी का भुगतान
नहीं हुआ। जिन मजदूरों को भुगतान किया भी गया उनको किए गए काम के सापेक्ष कम मजदूरी दी गयी है। अभी भी बड़ी संख्या में
रोजगार चाहने वाले मजदूर है पर उनको रोजगार उपलब्ध नहीं हो सका है। यहीं नहीं प्रवासी मजदूर जिनके परिवार के सामने जीने काही
संकट हो गया है उन्हें भी रोजगार नहीं मिल रहा है। जबकि सरकार रोजगार देने की बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है। यह बातें मजदूर
किसान मंच के नेता कृपाशंकर पनिका व अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़ ने कुसम्हा, रासपहरी, गोविन्दपुर, कुण्डाडीह, जामपानी, सुपाचुआं,
किरवानी आदि गांवों का दौरा कर मजदूरों से बात करने के बाद प्रेस को जारी अपने बयान में कहीं। आज मजदूर किसान मंच के
प्रतिनिधिमण्ड़ल ने बीडीओ म्योरपुर से मिलकर इस सम्बंध में वार्ता कर निर्देश देने की मांग भी की।
नेताओं ने कहा कि सरकार की घोषणाओं और जमीनी हकीकत में बडा फर्क है। ओलावृष्टि और भारी वर्षा से तबाह हुए किसानों को
आज तक मुआवजा नहीं मिला। रोजगार के अभाव में बाहर पलायन कर गए मजदूर भारी संख्या में वापस लौटे है। इन श्रमिकों के लिए
सरकार ने कहा कि एक हजार रूपए और बारह सौ पचास रूपए का पंद्रह दिनों का राशन किट दिया जायेगा लेकिन अभी तक ज्यादातर
मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिला। बाहर से आए मजदूरों से संक्रमण फैलने का खतरा है लेकिन इनकी कोरोना जांच तक नहीं की गयी
है और महज थर्मल स्कैनिंग करके छोड़ दिया गया है। ऐसी स्थिति में यदि दुद्धी में सामाजिक स्तर पर संक्रमण फैल गया तो लोग
बेमौत मरने के लिए अभिशप्त होंगे। हालत इतनी बुरी है कि दुद्धी जैसे अति पिछड़े इलाके जहां हर वर्ष सैकडों लोग मलेरिया, टाइफाइड
से मर जाते है वहां सरकारी अस्पतालों में ओपीडी तक बंद कर दी गयी है। इस सम्बंध में मजदूर किसान मंच द्वारा रिपोर्ट तैयार की जा
रही है और शीध्र ही जिलाधिकारी को सच्चाई बताकर कार्यवाही की मांग की जायेगी।
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