उप जिलाधिकारी के आदेशोंपरान्त नहीं बन पा रहा सामुदायिक शौचालय।

उप जिलाधिकारी के आदेशोंपरान्त नहीं बन पा रहा सामुदायिक शौचालय।
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कोविड 19 संक्रमण से निजात पाने को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह से हर एक पहलू पर सजग है। और इसके लिए दिनरात काम कर रही है। इन दिनों प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार दूसरे राज्यों से गाँव में आए श्रमिक कामगारों के लिए प्रत्येक गँवो में सामुदायिक शौचालय बनाए जा रहे हैं। जो मानकोपरान्त गाँव के सार्वजनिक स्थलपर होगा । जिसमें महिला व पुरुष के लिए एक साथ 6,टायलेट् , पानी सप्लाई के लिए टंकी समरसेबल सहित पूरी ब्यवस्था के साथ साफसफाई व रखरखाव हेतु एक श्रमिक की नियुक्ति भी कि जाएगी। लेकिन गांव के कुछ लोग सिर्फ अपने फायदे के लिए इस योजना की बली चढ़ारहे हैं। जिसके निर्माण से पहले जमीन की पैमाइश कराने के बाद भी कुछलोग इसे बनने नहीं देरहे हैं।
जी,हां ऐसा ही नजारा कुछ देखने को मिला ब्लाक बहादुरपुर के रामनाथपुर गांव में। जो सार्वजनिक शौचालय बनने से पहले ही गाँव के कुछ दबंगों द्वारा निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। बता दें कि गांव के प्रधान सत्येन्द्र त्रिपाठी सार्वजनिक शौचालय बनवाने के लिए 30 अप्रैल को हल्का लेखपाल तथा स्थानीय पुलिस बल के साथ गांव की एक जमीन आराजी संख्या 149 की पैमाइश कराई जो अभिलेखों मे 4 बिस्वा बंजर के नाम अंकित है। और शौचालय के लिए उसे चिन्हित किया गया। और उसी स्थान पर निर्माण कार्य सुरु करा दिया गया।
जिसपर गाँव के ही आपत्ती कर्ता अतुल सिंह ने 10 मई को उप जिलाधिकारी फूलपुर को उक्त जमीन अपने कब्जे में बताकर सिकायती पत्र दिया जिपर उन्हो ने निर्माण कार्य रोकने का आदेश दे दिया। जिसके अनुपालन में निर्माण कार्य को रोकदिया गया
बाद में बीडिओ बहादुरपुर व हल्का लेखपाल द्वारा उप जिलाधिकारी फूलपुर को लिखित तौर पर पैमाइश की हुई भूमि पर अवैध कब्जेदारों के विरुद्ध सिकायती पत्र प्रेषित किया गया।जिसपर वास्तविकता की जानकारी होने पर उप जिलाधिकारी फूलपुर ने बीडिओ बहादुरपुर व सरायइनायत पुलिस को आदेशित किया कि ग्राम सभा की भूमि को अवैध कब्जेदारों से तत्काल अवमुक्त कराया जाय तथा दोषियों के बिरुद्व लोक सम्पति क्षति निवारण अधिनियम के तहत वैधानिक कार्यवाही की जाए। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही न होने से दबंगों का हौसला बुलंद है।
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हल्का लेखपाल,,मोइन अहमद ने बताया कि शौचालय का निर्माण उसी भूमि पर कराया जारहा है जहाँ पैमाइश कर चिन्हित किया गया है। वह ग्राम सभा की बंजर जमीन है।
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प्रधान सत्येन्द्र त्रिपाठी के मुताबिक इस संदर्भ में मुख्य मंत्री के पोटल सहित जिले के कई उच्च अधिकारियों को लिखित सिकायती पत्र दिया गया है। किन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कि गयी निर्माण कार्य के लिए गिरा सामाग्री भी लोग उठा ले गए।
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उधर सिकायत कर्ता अतुल सिंह ने अपने सिकायती पत्र में उक्त भूमि को अपने कब्जे में बताया है और पूर्वजों द्वारा उसमे पौधे लगाने की बात कही है।

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