प्रवासी श्रमिकों को उनके गाँव भेजने में समन्वय बनाने में असफल राज्य के मंत्री दे रहे हैं बेतुके तर्क-अमरजीत मिश्र

*केंद्रीय रेलमंत्री के प्रश्नों का उत्तर देने का साहस भी नही है उनमे।

लखनऊ।भाजपा नेता अमरजीत मिश्र ने प्रवासी मजदूरों को उनके अपने प्रदेशों में ट्रेन से भेजने पर आनाकानी कर रही महाराष्ट्र सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।श्री मिश्र ने कहा कि कल्याण और ठाणे से बनारस जौनपुर आजमगढ़ के लिए ट्रेन चलाये जाने की मांग करते करते हम थक गए।सोमवार व मंगलवार को पूरे दिन हम ठाणे के कलेक्टर से लेकर राज्य सरकार के विभिन्न अधिकारियों के पास चक्कर मारते रहे पर हल मिला शून्य बंटे सन्नाटा ।वादा करके भी कल्याण व ठाणे से वाराणसी की ट्रेन नहीं भेज सके राज्य सरकार के अधिकारी।

उन्होने कहा कि यह कितना हास्यास्पद है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख कहते हैं कि जौनपुर के जिलाधिकारी के आग्रह पर हम ट्रेन नहीं भेज रहे हैं ,देशमुख के अनुसार जौनपुर के डीएम ने कहा है कि उनके जिले में बहुत लोग आ गए हैं तो अब यहाँ लोग न भेजें।भाजपा नेता श्री मिश्र ने कहा कि गृहमंत्री को शायद पता नही कि बोरिवली व वसई से जौनपुर के लिए कई ट्रेन रोज जा रही है फिर कल्याण ठाणे से जौनपुर के लिए ट्रेन चलाने के सन्दर्भ में वे ऐसे बेतुके तर्क क्यों दे रहे हैं।भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार की इसी गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के चलते प्रवासी मजदूरों को तकलीफ उठानी पड़ रही है।जबकि केंद्रीय रेलमंत्री पियूष गोयल लगातार सार्वजनिक रुप से कह रहे हैं कि राज्य सरकार को अतिरिक्त गाडियाँ दी जा रही है,बस,सरकार सूची व स्थान की जानकारी उपलब्ध कराये।फडणविस सरकार में राज्यमंत्री रहे उत्तरभारतीय नेता अमरजीत मिश्र प्रवासी श्रमिकों के प्रति उद्धव सरकार को असंवेदनशील बताते हुए आरोप लगाते हुए कहते हैं कि महाराष्ट्र सरकार इस मुद्दे पर कितनी सजग व सक्रिय है इसका अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय रेल मंत्री पियूष गोयल से राज्य सरकार का कोई मंत्री संवाद नहीं कर रहा है।उद्धव सरकार अधिकारियों के भरोसे चल रही है।अधिकारी जमीनी हकीकत से दूर काम कर रहे हैं।ट्रेन घोषित हो जाने के बाद भी लोगों को सूचित नहीं किया जा रहा है और कभी कभी रेल मंत्रालय द्वारा ट्रेन को स्वीकृति मिलने से पहले ही प्रवासी मजदूरों को फोन पर सूचित कर बुला लिया जा रहा है और फिर ट्रेन रद्द होने की सूचना देकर वापस भेज दिया जा रहा है।

राज्य सरकार के किसी भी मंत्री में रेलमंत्री की बातों का जवाब देने का नैतिक साहस नही है।

श्री मिश्र ने कहा कि याद रखिये कि ये मजदूर मजबूरी वश आये थे और मजबूरी वश जा रहे हैं। राज्य सरकार उनकी मजबूरी का उपहास कर रही है।उन्हें अनाज व स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध नहीं करा स्की।थक कर उन्हें अपने मुलुक जाना पड़ा ।

भाजपा नेता मिश्र ने कहा कि जो पैदल चल के जाने का दंश झेले हैं वे तो वापस आने के लिए पचास बार सोचेंगे।महाराष्ट्र की अर्थ व्यवस्था व काम काज पर इसका असर वर्षों तक दिखने को मिलेगा।

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